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________________ Shri Mahavir Jain Aradhana Kendra www.kobatirth.org Acharya Shri Kailassagarsuri Gyanmandir पत्र १४ १०४ श्री विमलनाथ भगवंत १ माता का नाम श्यामा रानी २ पिता का नाम कृतवर्म राजा ३ च्यवन कल्याणक वैशाख शुक्ला १२/कंपिलपुर ४ जन्म कल्याणक माघ शुक्ला ३/कंपिलपुर ५ दीक्षा कल्याणक माघ शुक्ला ४/कंपिलपुर ६ केवलज्ञान कल्याणक पौष शुक्ला ६/कंपिलपुर ७ निर्वाण कल्याणक आषाढ़ कृष्णा ७/सम्मेतशिखर ८ गणधर ___संख्या ५७ प्रमुख मंदर ९ साधु संख्या ६८ हजार प्रमुख मंदर १० साध्वी संख्या १ लाख ८ सौ प्रमुख धरा ११ श्रावक संख्या २ लाख ८ हजार १२ श्राविका संख्या ४ लाख २४ हजार १३ ज्ञानवृक्ष १४ यक्ष [अधिष्ठायक देव] षण्मुख १५ यक्षिणी [अधिष्ठायिका देवी] विदिता १६ आयुष्य ६० लाख वर्ष १७ लंछन [चिह्न-Mark] वराह [शूकर] १८ च्यवन किस देवलोक से? सहस्रार [८ वाँ] | १९ तीर्थंकर नामकर्म उपार्जन पद्मसेन के भव में २० पूर्वभव कितने? २१ छद्मस्थ अवस्था २ महीना २२ गृहस्थ अवस्था ४५ लाख वर्ष २३ शरीर-वर्ण [आभा] सुवर्ण २४ दीक्षा दिन की शिबिका का नाम देवदिन्ना २५ नाम-अर्थ गर्भ में आने पर माता का शरीर एवं मन विमल [स्वच्छ] बन गया। For Private And Personal Use Only
SR No.009635
Book TitleMagar Sacha Kaun Batave
Original Sutra AuthorN/A
AuthorBhadraguptasuri
PublisherMahavir Jain Aradhana Kendra Koba
Publication Year2010
Total Pages244
LanguageHindi
ClassificationBook_Devnagari & Story
File Size2 MB
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