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________________ Shri Mahavir Jain Aradhana Kendra www.kobatirth.org Acharya Shri Kailassagarsuri Gyanmandir __ ९९ प्रवचन-८२ महाराजश्री : मनुष्य को जीवन में प्रतिदिन...हर परिस्थिति में निर्णय तो लेना ही पड़ता है न? मनुष्य के सभी अनुमान सही नहीं निकल सकते हैं, यह बात ठीक है, फिर भी अपनी बुद्धि से, समग्रतया विचार करना और कार्य करना, आत्मसंतोष तो देता ही है। __ अमरीका में 'थियोडोर रूजवेल्ट' नाम का राष्ट्रप्रमुख हो गया। एक दिन एक पत्रकार रूजवेल्ट से मिलने आया। उसने एक प्रश्न पूछा : 'आप अमरीका के राष्ट्रप्रमुख हैं, प्रतिदिन आपके सामने अनेक समस्याएँ आती होंगी। आपको निर्णय भी लेने पड़ते होंगे। क्या आप बतायेंगे कि आपके निर्णय कितने सच निकलते हैं?' ऐसे प्रश्न की रूजवेल्ट को कल्पना नहीं थी...दो-तीन मिनट उसने सोचा और कहा : 'मुझे ऐसा लगता है कि २५ प्रतिशत मेरे निर्णय सही निकलते होंगे।' ___ पत्रकार स्तब्ध हो गया। उसके मुंह से निकल गया : 'बस २५ प्रतिशत ही...?' रूजवेल्ट ने कहा : 'ज्यादा से ज्यादा तीस प्रतिशत | इससे ज्यादा मेरे अनुमान - मेरे निर्णय सही निकलते हों - ऐसा मैं नहीं मान सकता हूँ।' पत्रकार मौन हो गया। रूजवेल्ट के मुख पर स्मित आ गया। उसने पत्रकार से पूछा : 'तुम्हे क्या लगता है? तुम कितने प्रतिशत निर्णय सही लेते हो?' पत्रकार क्या जवाब देता? ज्यादा तो बता नहीं सकता। चूँकि सामने रूजवेल्ट था। रूजवेल्ट ने कहा : ___ 'यदि तुम्हें ऐसा लगता हो कि तुम पचपन प्रतिशत निर्णय सही लेते हो तो मेरी एक राय मान लो। तुम पत्रकारिता छोड़कर आज ही पाल स्ट्रीट (अमरीका का शेयर बाजार) में चले जाओ। शेयर का धंधा करो...तुम थोड़े समय में करोड़पति बन जाओगे! चूँकि पचपन प्रतिशत तुम्हारे निर्णय सही होंगे और ४५ प्रतिशत निर्णय गलत होंगे...बीच में १० प्रतिशत का 'मारजिन' रहेगा! तुम करोड़पति बन जाओगे!' द्रव्य-क्षेत्र-काल और भाव की विशाल दृष्टि से विचार करने पर भी उसकी मर्यादा तो रहेगी ही। हर परिस्थिति के साथ संलग्न इतने सारे प्रवाह होते हैं और प्रवृत्तियाँ चल रही होती हैं कि जिसकी कल्पना भी अपन नहीं कर सकते हैं। For Private And Personal Use Only
SR No.009632
Book TitleDhammam Sarnam Pavajjami Part 4
Original Sutra AuthorN/A
AuthorBhadraguptasuri
PublisherMahavir Jain Aradhana Kendra Koba
Publication Year2010
Total Pages259
LanguageHindi
ClassificationBook_Devnagari, Discourse, & Religion
File Size2 MB
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