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________________ Shri Mahavir Jain Aradhana Kendra www.kobatirth.org Acharya Shri Kailassagarsuri Gyanmandir प्रवचन-२८ ४८ का दरिया तैर जाती है। परन्तु यह दीन-दु:खी की सेवा होनी चाहिए विधिपूर्वक! यानी उन दीन-दुःखी जीवों की सेवा सद्भावनापूर्वक, स्नेहसहित होनी चाहिए। तिरस्कार या अहंकार से नहीं। परमात्मा की, गुरुजनों की और धार्मिक लोगों की सेवा-भक्ति पूज्यभाव से सत्कारपूर्वक, सन्मानसहित होनी चाहिए। साधुपुरुष तो 'मोबाईल' तीर्थ है : ऐसी निराली तीर्थयात्रा करने से पारलौकिक हित होता है। न्याय नीति से कमाया हुआ थोड़ा भी धन ऐसी तीर्थयात्रा में खर्च करने से आपको बहुत बड़ा आत्मसंतोष भी होगा। दीन, अनाथ, रोगी, अपाहिज जीवों को सहानुभूति से सहयोग देने से, सहाय करने से उनकी दुःखी आत्मा को कितनी शान्ति मिलती है! दूसरे जीवों को सुखशान्ति और समाधि देने जैसा सत्कार्य दुनिया में दूसरा नहीं है। ‘पर उपकार समो नहीं सुकृत; धर समता सुख की, ___ पाप वली परप्राणीपीड़न हर हिंसा दुःख की.... परोपकार जैसा कोई सुकृत नहीं है। परपीड़न जैसा कोई पाप नहीं है। परोपकार बहुत बड़ी तीर्थयात्रा है। प्रतिदिन घर पर बैठे-बैठे आप ऐसी तीर्थयात्रा करके पुण्यधन कमा सकते हो। वैसे, जो पवित्र पुरुष हैं, गुणवान पुरुष हैं, संयमी-त्यागी-तपस्वी साधक पुरुष हैं, उनका सत्कार करते रहो, उनकी सेवा-भक्ति करते रहो। चूंकि ऐसे पुरुष जंगम तीर्थ हैं! 'मोबाईल' तीर्थ हैं ये पुरुष! पारिवारिक आवश्यकताएँ पहले सोच लेना : परन्तु इस प्रकार तीर्थयात्रा करते समय एक खयाल रखना है। आपके परिवार के पालन में, आप पर जिन-जिन के पालन-पोषण की, योगक्षेम की जिम्मेदारी हो, उसमें बाधा नहीं पहुँचनी चाहिए | मान लो कि आप महीने के हजार रूपये कमाते हो, आपके घर का मासिक खर्च आठ सौ रूपया है, आपके पास दो सौ रूपये बचते हैं, आपको दीन-अनाथ वगैरह के लिए और साधुपुरुषों के लिए दो सौ से ज्यादा खर्च नहीं करना चाहिए। यदि आप ज्यादा खर्च कर दोगे तो परिवार के लोगों को तकलीफ पड़ेगी, इससे वे नाराज होंगे! चूंकि सभी मनुष्यों की यह क्षमता नहीं होती है कि वे स्वयं For Private And Personal Use Only
SR No.009630
Book TitleDhammam Sarnam Pavajjami Part 2
Original Sutra AuthorN/A
AuthorBhadraguptasuri
PublisherMahavir Jain Aradhana Kendra Koba
Publication Year2010
Total Pages291
LanguageHindi
ClassificationBook_Devnagari, Discourse, & Religion
File Size2 MB
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