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________________ Shri Mahavir Jain Aradhana Kendra www.kobatirth.org प्रवचन- ३६ स्त्री-स्वातंत्र्य के नाम पर शील की होली : Acharya Shri Kailassagarsuri Gyanmandir १४२ पुरुष भी वैसी स्वतंत्रता ले रहा है । वह भी दूसरी स्त्रियों के साथ भटकता रहता है! फिर दोनों एक-दूसरे के ऊपर आरोप मढ़ते रहते हैं....लड़तेझगड़ते रहते हैं। 'स्त्री-स्वातंत्र्य' के मोहक नाम पर स्त्रियों का शील-सदाचार लूटने का ही काम हो रहा है। नौकरी के माध्यम से पैसेवाले लोग नौकरी करनेवाली स्त्रियों के शरीर को ही खरीद लेते हैं। धन की लालच में स्त्री अपनी देह बेच रही है। स्त्री-स्वातंत्र्य की हिमायत करनेवाले क्या स्त्री के शील की चिन्ता करते हैं ? 'स्त्री का शीलपालन होना चाहिए, यह विचार है उनको ? नहीं, उनको स्त्री के भौतिक सुखों का विचार है । स्त्री - स्वातंत्र्य की कल्पना में स्त्री-पुरुष के प्रेमपूर्ण संबंधों की कल्पना खो गई है। स्त्री - स्वातंत्र्य की कल्पना में स्त्री अपने पति का प्रेम, अपने सन्तानों का प्रेम खोती जा रही है। इससे पारिवारिक प्रेम और पारिवारिक व्यवस्था नष्ट होती जा रही है। कहते हैं कि 'यह युग स्त्रियों की गुलामी का नहीं है, स्त्री को गुलाम नहीं रहना चाहिए, स्त्री को चार दीवारों के बीच जीवन पूरा नहीं करना चाहिए....!' ऐसा कहनेवाले लोग स्त्री को बीभत्स विज्ञापन का माध्यम बना रहे हैं। ऐसा बोलनेवाले लोग स्त्री को पुरुष की कामवासना संतुष्ट करनेवाला यंत्र मान रहे हैं। कहाँ है स्त्रीत्व का गौरव ? कहाँ है स्त्रियों के प्रति आदर और सद्भाव ? क्या इसे स्त्री-स्वातंत्र्य कहेंगे? स्त्री अपने पति की और परिवार की निस्वार्थ सेवा करे, क्या यह गुलामी है? स्त्री अपने घर का काम करे, क्या यह गुलामी है ? स्त्री अपने बच्चों को अच्छी शिक्षा देकर अच्छा मानव बनाये, क्या यह गुलामी है ? घर में रसोई बनाने का काम नौकर को सौंपकर स्त्री क्लबों में घूमती फिरे, यह स्वतंत्रता है क्या? स्त्री अपने बच्चों के नौकर के हाथों में सौंप कर सिनेमागृहों में जाकर बैठे वही स्वतन्त्रता है? स्त्री अपने पति को छोड़कर दूसरे पुरुष के साथ हिल स्टेशनों पर चली जाये वही स्वतन्त्रता है ? For Private And Personal Use Only कहते हैं : 'छोटी उम्र में शादी करने से लड़की को स्कूल-कालेज की शिक्षा नहीं मिल पाती । क्या करना है कालेज की शिक्षा को ? कालेज की शिक्षा मनुष्य को प्रायः अभिमानी बना देती है । स्त्री का हृदय तो विनम्र और स्नेह से भरा हुआ चाहिए । आधुनिक शिक्षा ने स्त्री के स्नेहपूर्ण और वात्सल्यमय
SR No.009630
Book TitleDhammam Sarnam Pavajjami Part 2
Original Sutra AuthorN/A
AuthorBhadraguptasuri
PublisherMahavir Jain Aradhana Kendra Koba
Publication Year2010
Total Pages291
LanguageHindi
ClassificationBook_Devnagari, Discourse, & Religion
File Size2 MB
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