SearchBrowseAboutContactDonate
Page Preview
Page 28
Loading...
Download File
Download File
Page Text
________________ सर्व दुःखों से मुक्ति सर्व दुःखों से मुक्ति Equation ऐसा किया तो बेटा भी खुश हो जायेगा। फिर बेटे को डेड़ी पर प्रेम हो जायेगा। ऐसा equation आप करेगा कभी? तुम्हारे life में equation करना पड़ेगा कि नहीं करना पड़ेगा? प्रश्नकर्ता : करने का है। दादाश्री : तो ये समझ में आ गया, equation कैसे करने का? प्रश्नकर्ता : मगर Father ऐसी रीत नहीं ले, इस तरह से न सोचे का बोज़ लगेगा न? तो फिर मैं मन में ऐसा बोल दिया कि 'वो मेरा चाचा है, मैं उसका भतीजा हूँ।' तब बोज़ कम हो गया। ऐसा equation कर देगा न? तो लोग क्या बोलेंगे कि 'मैंने इतना सब कुछ बोल दिया तो भी इनके मुँह पर कुछ असर नहीं है। हमने इतना बोल दिया, तो भी आपको कुछ नहीं लगता?' तो आपको बोलने का कि मेरे को लगता तो है, मगर तेरे प्रेम की वजह से मेरे को कुछ नहीं लगता।' तो फिर वो तुम्हारे पर ज्यादा प्रेम रखेगा। तो? दादाश्री : ऐसा करना ही पड़ेगा। Equation की रीत ही यह है और ये रीत से equation नहीं करेगा तो सब relation तूट जायेंगे। क्योंकि बेटे के साथ father का relative adjustment है, not real adjustment ! Father, Mother, Wife, बेटा सब relative adjustment है। ये body के साथ भी relative adjustment है, तो mother के साथ कैसे real होगा? All these are relative adjustment, वो सब eye witness से है। जब आपकी शादी हो जायेगी और कभी आपकी औरत बहुत गुस्सा हो गई, तो फिर क्या दवाई लगाओगे? आपको बोलेगी कि you are unfit. ऐसा-वैसा बोलेगी, तो आप क्या medicine करोगे? ___चोबीस तीर्थंकरों का मार्ग कैसा है? उसका Foundation व्यवहार का है। पहले व्यवहार चाहिये। व्यवहार बिलकुल correct चाहिये, आदर्श व्यवहार चाहिये। हिसाबी व्यवहार को कहाँ तक रियल मानोगे? प्रश्नकर्ता : हमारा पौत्र गुजर गया है, उसका दु:ख दूर हो जाये और मन को शांति मिले, इतना ही चाहिये। दादाश्री : हम सब रोने को शुरू करे तो वो बच्चा वापस आ जायेगा? प्रश्नकर्ता : ऐसा तो नहीं होता। आज तक ऐसा नहीं हुआ है। दादाश्री : तो फिर कुदरत की मरजी के खिलाफ क्युं चलते हो? और दूसरे बच्चे हो जायेंगे, इसमें क्या गभराने का? प्रश्नकर्ता : ऐसा होता है कि इतने थोडे समय के लिए हमारे पास आकर हमको दुःख देकर क्यों चला गया? दादाश्री : वो चोपडे में जितना हिसाब था, वो सब हिसाब चूकते कर दिया और जितना दुःख देने का था, उतना दुःख देकर चला गया। प्रश्नकर्ता : हिसाब क्या चीज है? प्रश्नकर्ता : Same equation आ गया? दादाश्री: हाँ, Husband is wife's wife. ये equation लगा देने का, फिर कोई परेशानी नहीं। हम ज्ञानी नहीं हुए थे, वहाँ तक हम equation से सब जगह ऐसे ही रहते थे। हमारा भतीजा हमको 'काका, काका' बोलता था। क्या बोलते है आपकी भाषा में? चाचा बोलता है न? तो हमको चाचा बोले तो हमारे को बोज़ बढ़ जाता था। हमको ज्यादा मान दे दिया, तो मान
SR No.009601
Book TitleSarva Dukho Se Mukti
Original Sutra AuthorN/A
AuthorDada Bhagwan
PublisherDada Bhagwan Foundation
Publication Year2003
Total Pages47
LanguageHindi
ClassificationBook_Devnagari & Akram Vigyan
File Size94 KB
Copyright © Jain Education International. All rights reserved. | Privacy Policy