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________________ पति पत्नी का दिव्य व्यवहार पति-पत्नी का दिव्य व्यवहार ज्ञान है? हमारे हिन्दुस्तान में 'हाउ टु ऑर्गनाइज़ फ़ैमिलि' उस ज्ञान की कमी हैं। फ़ॉरिन वाले तो 'फैमिलि' समझते ही नहीं। वे तो जेम्स बीस साल का हो गया तो, उसके माता-पिता, विलियम और मेरी, जेम्स से कहेंगे कि, तू अलग और हम तोता-मैना अलग! उन्हें फैमिलि ऑर्गनाइज़ करने की आदत ही नहीं है न! और उनका फैमिलि तो स्पष्ट ही कहता है। मेरी के साथ विलियम को अच्छा न लगे तो 'डिवोर्स' (तलाक) की ही बात! और हमारे यहाँ 'डिवोर्स' की बात कहाँ? हमें तो साथ-साथ रहना है, तकरार करनी है और फिर साथ में वहीं एक ही कमरे में ही सोना भी है। यह जीने का तरीका नहीं है। इसे फ़ैमिलि नहीं कहते! और अपने देश में तो लोग फ़ैमिलि डॉक्टर भी रखते हैं। अरे, अभी फ़ैमिलि तो हई नहीं, वहाँ फ़ैमिलि डॉक्टर कहाँ रखता है? ये लोग फ़ैमिलि डॉक्टर रखते हैं, पर यहाँ पत्नी ही फ़ैमिलि नहीं! और कहते है, 'हमारे फ़ैमिलि डॉक्टर आए हैं!' उनके साथ कोई तकरार नहीं करते। डॉक्टर ने बिल ज्यादा बनाया हो तब भी तकरार नहीं करते। तब कहते है, 'हमारे फ़ैमिलि डॉक्टर हैं न!' वे मन में ऐसा समझते हैं कि हमारा रौब जम गया, फ़ैमिलि डॉक्टर रखते हैं इसलिए! वन फ़ैमिलि (एक कुटुम्ब) जीवन जीने जैसा कब लगता है कि सारा दिन उपाधि नहीं हो. जीवन शांति से व्यतीत हो, तब जीवन जीना अच्छा लगता है। यह तो घर में गड़बड़ होती रहती हो तब जीवन जीना कैसे अनुकूल लगे? यह तो पुसायेगा ही नहीं न! घर में गड़बड़ नहीं होनी चाहिए। गड़बड़ शायद पड़ोसी के साथ हो या बाहर के लोगों के साथ हो. मगर घर में भी? घर में फ़ैमिलि की तरह लाइफ (जिंदगी) जीनी चाहिए। फैमिलि लाइफ कैसी होती है? घर में प्रेम और प्रेम ही छलकता हो। अब तो फ़ैमिलि लाइफ ही कहाँ हैं? दाल में नमक ज्यादा हो तो सारा घर सिर पर उठा ले। 'दाल खारी है' कहता है! अंडरडिवेलप्ड (अर्धविकसित) लोग। डिवेलप (विकसित) किसे कहते है कि जो दाल में नमक ज्यादा हो, तो उसे एक ओर रखकर बाकी भोजन खा ले। क्या यह नहीं हो सकता? दाल एक ओर रखकर दूसरा सब नहीं खा सकते? 'दिस इज फ़ैमिलि लाइफ (ये है पारिवारिक जीवन)।' बाहर तकरार करो न ! माई फ़ैमिलि (मेरा परिवार) का अर्थ क्या? कि हमारे बीच तकरार नहीं हो, किसी भी तरह की। हमें एडजस्टमेन्ट लेना चाहिए। अपने फ़ैमिलि में एडजस्ट होना आना ही चाहिए। एडजस्ट एवरीव्हेयर (हर जगह अनुकूल)। तुम्हारे पास 'फ़ैमिलि ऑर्गनाइज़ेशन' (पारिवारिक देख-भाल)का फैमिलि के सदस्य का ऐसे हाथ लग जाए तो हम उसके साथ झगड़ते हैं? नहीं! एक फ़ैमिलि की तरह रहना, बनावट मत करना। लोग जो दिखावा करते हैं, ऐसा नहीं। एक फ़ैमिलि... तुम्हारे बिना मुझे अच्छा नहीं लगता, ऐसा कहना। वह हमें डाँटेन, उसके थोडी देर बाद कह देना, 'तू चाहे कितना भी डाँटे मगर मुझे तेरे बगैर अच्छा नहीं लगता।' ऐसा कहना। इतना गुरु मंत्र बोलना। ऐसा कभी बोलते ही नहीं न! तुम्हें बोलने में कोई हर्ज है कि तुम्हारे बगैर अच्छा नहीं लगता? मन में प्रेम ज़रूर रखना पर थोड़ा-बहुत बोलकर भी दिखाना। घर में क्ले श कभी घर में क्लेश होता है? तुम्हें कैसा लगता है? घर में क्लेश होता है तो अच्छा लगता है?
SR No.009598
Book TitlePati Patni Ka Divya Vyvahaar
Original Sutra AuthorN/A
AuthorDada Bhagwan
PublisherMahavideh Foundation
Publication Year2009
Total Pages65
LanguageHindi
ClassificationBook_Devnagari & Akram Vigyan
File Size43 KB
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