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________________ ७० नैषधमहाकाव्यम् होना चित्रित किया है ( रघुवंश २०१० )। मल्लिनाथ के अनुसार यहाँ गम्या उत्प्रेक्षा-श्लेष-रूपक का संकर है। विद्याधर के अनुसार प्रतीयमाना उत्प्रेक्षा और श्लेष । चंद्रकलाकार के अनुसार व्यस्तरूपक-श्लेषपतीयमानोत्प्रेक्षा का संकर । विनिद्रपत्त्रालिगतालिकैतवान्मृगाङ्कचूडामणिवर्जनाजितम् । दधानमाशासु चरिष्णु दुर्यशः स कौतुको तत्र ददर्श कैतकम् ॥ ५८ ।। जीवातु-विनिद्रेति। विनिद्रपत्त्रालिगतालिकतवात् विकचदलावलिस्थितभृङ्गमिषात् मृगाङ्कचूडामणेरीश्वरस्य कर्तुर्वर्जनेन परिहारेणाजितं सम्पादितं 'न केतक्या सदाशिवमिति निषेधादिति भावः । आशासु चरिष्णु सञ्चरणशीलं 'अलंकृषि'त्यादिना चरेरिष्णुच्प्रत्ययः । दुर्यशोऽपकीति दधानं केतकं केतकीकुसुमं तत्र वने स नल: कौतुकी सन् ददर्श । अर्हस्य महापुरुषस्य बहिष्कारो दुष्कीतिकर इति भावः । अत्रालिकैतवादित्यलित्वापह्नवेन तेषु दुर्यशस्त्वारोपादपह, नुत्यलङ्कारः। 'निषेध्यविषये साम्यादन्यारोपेऽपह नुतिः' इति लक्षणात् ॥ अन्वयः-कौतुकी सः तत्र विनिद्रपत्वालिगतालिकतवात् मृगाङ्कचूडामणिवजनार्जितम् आशासु चरिष्णु दुर्यशः दधानं केतकं ददर्श । हिन्दी-(अपूर्व पुष्पादि के दर्शन को ) उत्सुक उस ( नल) ने वहाँ ( वन में ) विकसित दलों की पंक्तियों पर बैठे भौरों के छल से चंद्रचूड शिव से तिरस्कृत होने से प्राप्त दिगंत में व्याप्त होते ( भौंरें भी उड़कर दिगंतरों में चले जाते हैं ) अपयश को धारण किये केतकी ( केवड़ा ) के फूल को देखा। टिप्पणी--काले भौरों से आच्छादित केतक की कविसमयसिद्ध कृष्णवर्ण दुर्यश-धारण-कर्ता के रूप में चित्रण किया गया है, इस कारण अपह नुति है । चन्द्रकलाकार ने कैतवापह नुति-प्रतीयमानोत्प्रेक्षा का संकर माना है। केतक के शिव द्वारा परित्यक्त होने के सम्बन्ध में दो पौराणिक प्रसिद्धियां हैं--(१) एक बार ब्रह्मा और विष्णु में परस्पर श्रेष्ठता को लेकर विवाद हो गया । आकाशवाणी हुई कि जो शिवलिंग के ऊधिोभागों को देख सके, वही दोनों में बड़ा है । शिवलिंग की ऊंचाई-नीचाई का पार तो दोनों में कोई पा न सका, पर जहां विष्णु ने तथ्य को स्वीकारा वहाँ ब्रह्मा ने असत्य भाषण
SR No.009566
Book TitleNaishadhiya Charitam
Original Sutra AuthorHarsh Mahakavi
AuthorSanadhya Shastri
PublisherKrishnadas Academy Varanasi
Publication Year
Total Pages284
LanguageHindi, Sanskrit
ClassificationBook_Devnagari & Literature
File Size74 MB
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