SearchBrowseAboutContactDonate
Page Preview
Page 14
Loading...
Download File
Download File
Page Text
________________ आश्रित महोपाध्याय भानुचन्द्र और सिद्धचन्द्रकी टीका, दूसरी म० म० हरिदास सिद्धान्तवागीशकी टीका, तीसरी मोरेश्वर रामचन्द्र कालेको टीका ( अंग्रेजी टिप्पणीसे युक्त), चौथी-आचार्य श्रीकृष्णमोहनशास्त्रीको टीका ( हिन्दी अनुवादसे युक्त )। पठन पाठनमें छात्रोंको सौकर्यकी दृष्टि से मैंने पहली, तीसरी और चौथी टीकाका आपाततः निरीक्षण कर सरलतासे बोध करानेके लिए अपने अन्यग्रन्थोंको टीका चन्द्र कलाके समान अभिनव चन्द्र कलाको परिष्कृत रूपसे अनुवादके साथ उद्भासित किया है। इसमें मैं कहां तक कृतकार्य हूँगा इसमें गुणग्राहक, कृतवेदी विद्वद्गण और छात्रगण प्रमाण हैं । माता हेमकुमारिका सुकृतिनी, श्रीदेवचन्द्रः पिता सूरियस्य सहोदरी कृतिवरौ श्रीकृष्णपूर्णाऽभिधौ । भारद्वाजकुलाऽब्धिकौस्तुभनिभो गङ्गाधरोद्गुरुः शेषाख्यः स घरासुरः समकरोद्वघाल्यामिमां प्राअलाम् ॥ १॥ सौजन्यधन्यकृतिवल्लभदासगुप्त-स्नेहाऽनुबद्धहृदयेन मया सयत्नम् । छात्रोपकारपरतामभिलक्ष्य चैषा श्रीबाणभट्टकृतिसद्विवृतिळधायि ॥ २॥ कार्यान्तरापतनजातमहाऽन्तराय-जातेन दोषनिचयेन भवेत्प्रमादः । हंसोपमाः सुमनसः प्रगुणाऽनुरागात् क्षाम्यन्तु निर्भरतरं विनिवेदनं मे ॥ ३॥ सं० २०३६ रामनवमी ब्रह्माघाट, वाराणसी शेषराजशर्मा
SR No.009564
Book TitleKadambari
Original Sutra AuthorBanbhatt Mahakavi
AuthorSheshraj Sharma
PublisherChaukhamba Vidyabhavan
Publication Year1979
Total Pages172
LanguageHindi, Sanskrit
ClassificationBook_Devnagari & Literature
File Size14 MB
Copyright © Jain Education International. All rights reserved. | Privacy Policy