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________________ १७४ कुन्दकुन्द-भारता करता है तो उसके ज्ञानावरणादि कर्मोंसे बंध होता है। यह जीव इंद्रियादि प्राणोंके द्वारा कर्मफलको भोगता है, उसे भोगता हुआ मोह तथा राग द्वेषको प्राप्त होता है, और मोह तथा राग द्वेषसे स्वजीव तथा परजीवोंके प्राणोंका विघात करता है। अन्य जीवोंके प्राणोंका विघात न भी कर सके तो भी अंतरंगके कलुषित हो जानेसे स्वकीय भाव प्राणोंका घात तो करता ही है। इस प्रकार संक्लिष्ट परिणाम होनेसे ज्ञानावरणादि नवीन कर्मोंका बंध करता है। इससे यह सिद्ध होता है कि प्राण पौद्गलिक कर्मोंके कारण हैं ।।५७।। आगे इन पौद्गलिक प्राणोंकी संतति क्यों चलती है? इसका अंतरंग कारण कहते हैं -- आदा कम्ममलिमसो, 'धारदि पाणे पुणो पुणो अण्णे। ण जहदि जाव ममत्तं, देहपधायेसु विसएसु।।५८।। अनादि कालीन कर्मसे मलिन आत्मा तब तक बार-बार दूसरे प्राणोंको धारण करता रहता है जब तक कि वह शरीरादि विषयोंमें ममत्वभावको नहीं छोड़ता है। संसार शरीर और भोगोंमें ममता बुद्धि ही प्राणोंकी संततिको आगे चलानेमें अंतरंग कारण है।।५८ ।। अब पौदगलिक प्राणोंकी संततिके रोकने में अंतरंग कारण बतलाते हैं -- जो इंदियादिविजई, भवीय उवओगमप्पगं झादि। कम्मेहिं सो ण रंजदि, किह तं पाणा अणुचरंति।।५९।। जो इंद्रिय विषय कषाय आदिको जीतनेवाला होकर शुद्ध उपयोगरूप आत्माका ध्यान करता है वह कर्मोंसे अनुरक्त नहीं होता फिर प्राण उसका अनुचरण कैसे कर सकते हैं -- उसके साथ कैसे संबंध कर सकते हैं? अर्थात् नहीं कर सकते।।५९।। आगे आत्माको अन्य पदार्थोंसे बिलकुल ही जुदा करनेके लिए व्यवहार जीवकी चतुर्गतिरूप पर्यायका स्वरूप कहते हैं -- अत्थित्तणिच्छिदस्स हि, अत्थस्सत्थंतरम्मि संभूदो। अत्थो पज्जायो सो, संठाणादिप्पभेदेहिं।।६०।। स्वलक्षणभूत स्वरूपास्तित्वसे निश्चित जीव पदार्थकी अन्य पदार्थ -- पुद्गल द्रव्यके संयोगसे उत्पन्न हुई जो दशाविशेष है वह पर्याय है। वह पर्याय संस्थान, संहनन आदिके भेदसे अनेक प्रकारकी है। नामकर्मादि रूप पुद्गलके साथ संबंध होनेपर जीवमें नर नारकादि रूप पर्यायें उत्पन्न होती हैं जो अपने संस्थान संहनन आदिके भेदसे विविध पदार्थकी हुआ करती हैं। पर संयोगज होनेके कारण ऐसी १. धरेदि ज. वृ. ।
SR No.009560
Book TitlePravachana Sara
Original Sutra AuthorN/A
Author
PublisherZZZ Unknown
Publication Year
Total Pages88
LanguageHindi, Sanskrit
ClassificationBook_Devnagari & Religion
File Size18 MB
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