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________________ १५२ कुन्दकुन्द-भारती द्रव्य कहलाता है ऐसा उपदेश है। गुण और पर्याय द्रव्यसे अपृथग्भूत हैं इसलिए इनका स्वभाव ही द्रव्य है ऐसा अभेदविवक्षासे कहा गया है।।८७।। आगे मोहक्षयमें कारणभूत जिनेंद्रका उपदेश मिलनेपर भी पुरुषार्थ कार्यकारी है इसलिए उसकी प्रेरणा करते हैं -- जो मोहरागदोसे, णिहणदि उवलद्ध जोण्हमुवदेसं। सो सव्वदुक्खमोक्खं, पावदि अचिरेण कालेण।।८८।। जो पुरुष जिनेंद्र भगवान्का उपदेश पाकर मोह राग द्वेषको नष्ट करता है वह थोड़े ही समयमें समस्त दुःखोंसे छुटकारा पा जाता है।।८८।। आगे स्वपरका भेदविज्ञान होनेसे ही मोहका क्षय होता है, इसलिए स्वपरका भेदविज्ञान प्राप्त करनेके लिए यत्न करते हैं -- णाणप्पगमप्पाणं, परं च दव्वत्तणाहिसंबद्धं । जाणदि यदि णिच्छयदो, जो सो मोहक्खयं कुणदि।।८९।। जो पुरुष निश्चयसे ज्ञानमय आत्माको स्वकीय द्रव्यत्वसे और शरीरादि पर पदार्थको परकीय द्रव्यत्वसे अभिसंबद्ध जानता है वह मोहका क्षय करता है। मोहका क्षय स्वपर भेदविज्ञानसे ही होता है।।८९।। आगे स्वपर भेदकी सिद्धि आगमसे करनी चाहिए ऐसा उपदेश देते हैं -- तम्हा जिणमग्गादो, गुणेहिं आदं परं च दव्वेसु। अभिगच्छदु णिम्मोहं, इच्छदि जदि अप्पणो अप्पा।।९० ।। इसलिए यदि यह जीव अपने आपके मोहाभावकी इच्छा करता है तो उसे चाहिए कि वह जिनमार्गसे अर्थात् जिनेंद्रप्रणीत आगमसे विशेष गुणोंके द्वारा समस्त द्रव्योंमें निज और परको पहिचाने। गुण दो प्रकारके हैं -- सामान्य और विशेष। जो समस्त द्रव्योंमें समान रूपसे पाये जायें वे सामान्य गुण हैं। जैसे अस्तित्व, वस्तुत्व आदि और जो खास द्रव्योंमें पाये जायें वे विशेष गुण हैं। जैसे ज्ञान दर्शन तथा रूप रस गंध स्पर्श आदि। इनमेंसे सामान्य गुणोंके द्वारा किसी द्रव्यका पार्थक्य सिद्ध नहीं हो सकता क्योंकि वे समान रूपसे सबमें पाये जाते हैं। पार्थक्य ज्ञान दर्शनादि विशेष गुणोंसे ही सिद्ध हो सकता है। इसलिए जो जीव यह चाहता है कि हमारा आत्मा मोहसे रहित हो उसे विशेष गुणोंके द्वारा सर्वप्रथम निज और परका भेदविज्ञान प्राप्त करना चाहिए क्योंकि जब तक परसे भिन्न स्वद्रव्यके वास्तविक स्वरूपका बोध नहीं होगा तब तक उसकी प्राप्ति असंभव बनी रहती है।।१०।।
SR No.009560
Book TitlePravachana Sara
Original Sutra AuthorN/A
Author
PublisherZZZ Unknown
Publication Year
Total Pages88
LanguageHindi, Sanskrit
ClassificationBook_Devnagari & Religion
File Size18 MB
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