SearchBrowseAboutContactDonate
Page Preview
Page 628
Loading...
Download File
Download File
Page Text
________________ ( ५७० ) चरकसंहिता - भा० टी० । केवल दृष्टिमात्रसह। हमने सम्पूर्ण रोगकी यथार्थताको समझ लिया है ऐसा माननेवाले मूर्ख वैद्य चिकित्सा के मार्ग से पतित होजाते हैं । सुज्ञ वैद्य तो ज्ञातव्य विष यको यथोचित रीतिपर जानकर संपूर्ण भागों में सर्वथा उचित रीतिपर परीक्षा करके व्याधिका यथार्थ निश्चय कर लेते हैं । तब उचित रीतिसे चिकित्सा करने में प्रवृत्त होते हैं । इसी प्रकार चिकित्सा करते हुए किसी स्थान में भी विफल नहीं होते अर्थात् अपने कार्य में कहीं भी निष्फलताको प्राप्त नहीं होते किन्तु अपने अभीष्ट कार्यको साधन कर लेते हैं ॥ ४ ॥ तत्रश्लोकाः । सत्त्वादीनांविकल्पेनव्याधितंरूपमातुरे । दृष्ट्वाविप्रतिपद्यन्ते बालाव्याधिबलावले ॥ ५ ॥ तेभेषजमयोगेन कुर्वन्त्यज्ञानमोहिताः । व्याधितानांविनाशाय केशाय महतेऽपिवा ॥ ६ ॥ यहांपर श्लोक हैं- जो मूर्ख वैद्य सत्वादिकोंके भेदसे ही रोग के रूपको देखकर व्याधिका बलाबल समझ लिया मान लेते हैं और उसीप्रकार चिकित्सा करने लगजाते हैं वह अज्ञानसे मोहित हुए वैद्य औषधियोंके प्रयोगद्वारा रोगी मनुष्योंकों महान् कष्ट देते हैं अथवा मृत्युको प्राप्त कर देते हैं ॥ ५ ॥ ६ ॥ प्रज्ञास्तु सर्वमाज्ञाय पररीक्ष्यमिह सर्वथा । नस्खलन्तिप्रयोगेषु भेषजानां कदाचन ॥ ७ ॥ बुद्धिमान वैद्य तो संपूर्ण विषयोंको जानकर तथा सर्वथा संपूर्णरूपले परीक्षाकरके तदनन्तर औषधियोंका यथोचितरूपसे प्रयोग करते हैं इसीलिये कभी भी चिकित्साक्रम में धोखा नहीं खाते ॥ ७ ॥ इतिव्याधितरूपाधिकारेश्रुत्वाव्याधितरूपसंख्याय सम्भवण्यावितरूप हेतु विप्रतिपत्तोच कारणंसापवादंसम्प्रतिपत्तिकारणञ्चानपवादं निशम्य भगवन्तमात्रेयमन्निवेशोऽतः परं सर्वक्रिमीणांपुरुषसंश्रयाणां समुत्थानस्थान संस्थानवर्णनामप्रभावचिकित्सितविशेषान्पप्रच्छोपसंगृह्यपादावथास्मैप्रोवाच भगवानात्रेयः। इहखलुअग्निवेश!विंशतिविधाः क्रिमयः पूर्वमुक्तानानाविधेननविभागेनान्यत्रसहजेभ्यः ॥ ८ ॥
SR No.009547
Book TitleCharaka Samhita
Original Sutra AuthorN/A
AuthorRamprasad Vaidya
PublisherKhemraj Shrikrushnadas Shreshthi Mumbai
Publication Year1923
Total Pages939
LanguageHindi, Sanskrit
ClassificationBook_Devnagari & Medicine
File Size48 MB
Copyright © Jain Education International. All rights reserved. | Privacy Policy