SearchBrowseAboutContactDonate
Page Preview
Page 252
Loading...
Download File
Download File
Page Text
________________ होनापथ्य पर चलना कफ और मांसदा, दुर्गधित और चरकसंहिता-भा० टी०। व्यवच्छेदरुजाकण्डूशोफदौर्गन्ध्यदुःखितम् । क्रिमिरोगातुरं विद्यारिक्रमीणांलक्षणेनच ॥ २७ ॥ तिल, दूध, गुड, अजीर्णकर्ता पदार्थ, दुर्गेधित और वासी विरुद्ध भोजनके सेवनसे मस्तकके रक्त, कफ और मांसमें दोषयुक्त क्लेद (गीलापन )होजाताहै । इस कुपथ्य पर चलनेवाले मनुष्यके शिरमें उस दूषित क्लेदसे कृमि उत्पन्न होजातेहैं। जो भयानक लक्षणोंवाले शिरोरोग उत्पन्न करतेहैं तब शिरमें वेधने और छेदनेकी सी पीडा. खाज, सूजन, दुर्गधसे दुःखित होना, कृमियोंके अन्य लक्षण होना यह कृमिजन्य मस्तकपीडामें होतेहैं ॥ २५ ॥ २६ ॥ २७ ॥ वातजन्य हृदयरोग। शोकोपवासव्यायामशुष्करक्षाल्पभोजनःशवायुराविश्यहृदयं जनयत्युत्तमांरुजम् ॥२८॥ वेपथुर्वेष्टनस्तम्भःप्रमोहःशून्यता द्रवः । हृदिवातातुरेरूपंजीणेंचात्यर्थवेदना ॥ २९ ॥ शोक, उपवास और व्यायाम, शुष्क, रूक्ष और अल्प भोजनके करनेसे वायु हृदयम प्रवेश कर अत्यंत पीडाको पैदा करताहै। तव हृत्कंप, लपेटनेकी सी पीडा, स्तंभ, मोह, शून्यता, हौलदिली यह वातके हृदयरोगमें होतेहैं और अन्न जीर्ण होनेपर विशेषतासे पीडा होतीहै ॥ २८ ॥ २९ ॥ पित्तज हृदयरोग । उप्णाम्ललवणक्षारकटकाजीर्णभोजनैः । मद्यक्रोधातपैश्चाशु हृदिपित्तंप्रकुप्यति॥ ३० ॥हृद्दाहस्तिक्ततावक्रेलमाःपित्ताम्लकोद्गरः । तृष्णामूच्छाभ्रमःस्वेदापित्तहृद्रोगलक्षणम् ॥ ३१ ॥ गरम, खट्टे, नमकीन, खारे, चरपरे और अजीर्णकर्ता पदार्थोके खानेसे, मद्य पीनेसे, क्रोधसे, धूपके लगनसे. हृदयमें पिच कुपित होताहै । तव हृदयमें दाह होताह, मुखमें कडुवापन, खट्टी, कईई डकारोंका थाना, फायली, तृषा, मूर्ग, भ्रमदाह, यह लक्षण पित्तसे उत्पन्न हुए हृद्रोगमें होते हैं।॥ ३० ॥ ३१ ॥ ___कफन हृद्रोगके लक्षण । अत्यादानंगुरुस्निग्धमचिन्तनमचेष्टनम् । निद्रासुखंचाभ्यधिकंकफहृद्रोगलक्षणम्॥३२॥हृदयंकफहृद्रोगेसुप्तस्तिमितभारिकम् । तन्द्रारुचिपरीतस्यभवत्यश्मावतंयथा ॥ ३३ ॥
SR No.009547
Book TitleCharaka Samhita
Original Sutra AuthorN/A
AuthorRamprasad Vaidya
PublisherKhemraj Shrikrushnadas Shreshthi Mumbai
Publication Year1923
Total Pages939
LanguageHindi, Sanskrit
ClassificationBook_Devnagari & Medicine
File Size48 MB
Copyright © Jain Education International. All rights reserved. | Privacy Policy