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________________ (११). चरकसंहिता-भा० टी०। वमनकारक १० द्रव्य । मधुमधुककाोविदारकर्बुदारणोपविदुलविम्बीशणपुष्पीसदापुप्पीप्रत्यकपुष्प्यइति दशेमानिवमनोपगानिभवन्ति ॥४७॥ शहद, मुलैठी. लाल कचनार, सफेद कचनार,कदव, जलवेत, कंदूरी,शणपुष्पी, आक, अपामार्ग. यह दशक वमनकराने में उपयोगी है ॥४७॥ । विरेचन प्रवर्तक १० द्रव्य । द्राक्षाकाश्मय्यपरूषकाभयामलकविभीतककुवलबदरक पीलूनीतिदशामनिविरेचनोपगानिभवन्ति ॥४८॥ दाख, कंभारी, फालसा, हरड आमले, वहेडे, वडाबर, वेर, झडीबेर, पीलूफल यह दशक विरेचन उपयोगी है ॥ ४८ ॥ मलवन्धक १० द्रव्य । त्रिवृहिल्वपिप्पलीकुष्टसर्पपवचावत्सकफलशतपुष्पामधुकमदनफलानीतिदशेमान्यास्थापनीयोपगानिभवन्ति ॥४९॥ निशोत, बिल्व. पीपल, कूठ, सौं, वच, इंद्रजौं, सौंफ, मुलैठी, मैनफल, यह । दशक आस्थापन वस्तीम उपयोगी है ॥ ४९ ॥ . सुगन्धिकारक १० द्रव्य । रास्नासुरदामविल्वमदनशतपुप्पावृश्चीरपुनर्नवा श्योणाकाइतिदशेमानिअनुवासनोपगानिभवन्ति ॥५०॥ गस्ना. देवदारु. विल्व, मैनफल, सौफ, सफद पुनर्नवा लाल, पुनर्नवा, गोखरू, अग्णी, सानापाटा, यह दशक अनुवासन वस्तीम उपयोगी है ॥ ५० ॥ शिरोविरेचनीय १० द्रव्य ।। ज्योतिप्मतीक्षवकमरिचपिप्पलीविडङ्गशिसर्पपापामार्गतण्डलश्वेतामहाश्वेताइतिदशेमानिशिरोविरेचनोपगानिभवन्ति ५१॥ इति सप्तकः कपायवर्गः॥ मालकांगुनी. नाछिकती. मिरच. पीपल, वायविडंग, सुहांजना, सरसा. अपा. मागं बीज. सफंद कायल. वडी कोयलका वृक्ष, यह दशक शिरोविरेचन उपः यांनी । इसप्रकार मात कपायांका वर्ग है ॥५१॥
SR No.009547
Book TitleCharaka Samhita
Original Sutra AuthorN/A
AuthorRamprasad Vaidya
PublisherKhemraj Shrikrushnadas Shreshthi Mumbai
Publication Year1923
Total Pages939
LanguageHindi, Sanskrit
ClassificationBook_Devnagari & Medicine
File Size48 MB
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