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________________ By शुभेच्छा संदेश अलका सांखला अत्यंत उत्साही, उचित सामाजिक संबंध, प्रामाणिक, बच्चों के लिए कुछ करने की तमन्ना रखती है। पुस्तक में लिखी बातें सबके लिए पढ़ने योग्य हैं। लेखिका अलका को खूब बधाई और भी बहुत कुछ उनकी ओर से पढ़ने को मिले यह शुभकामनाएं। माधवी कर्वे (आचार्या) संस्कार भारती, स्कूल शुभेच्छा संदेश 'आओ जीना सीखें' पुस्तक पढ़कर मैंने यह अनुभव किया कि लेखिका का सर्वांगी बालविकास के प्रति गहरा मानसिक एवं आत्मिक लगाव है। पुस्तक की भाषा सहज, सरल, बाल उपयोगी है और इसकी हर प्रस्तुति मनोवैज्ञानिक है। पूरी पुस्तक की प्रस्तुतियाँ जीवन जीने की कला सिखने के प्रयोगों की सफल कुंजियों का मानो एक झुमका है। 'आओ जीना सीखें' में सर्वोच्च प्रमुखता दी है आत्मविश्वास, दृढ़ संकल्प, पवित्र उद्देश्य और महान् लक्ष्य को । श्रीमती अलका सांखला का जीवन अपने आप में एक प्रयोगशाला है। वह अणुव्रत आंदोलन एवं जीवन विज्ञान के कार्यक्रमों में सक्रिय है तथा बाल-सेवा के प्रति समर्पित है। अलकाजी अपने सेवाकार्यों के लिए सन्मानित और पुरस्कृत भी है। इसी वजह से पुस्तक की प्रस्तुतियों का लेखन सफल सिद्ध बन पाया है। उनकी यह पुस्तक निश्चय ही बालकों को सफल मार्गदर्शन करेगी। दि. 20-11-2006 -मोहनलाल जैन बच्चों का देश राष्ट्रीय बाल मासिक किताब किसके लिए? क्या यह किताब केवल बच्चों के लिए है? जी नहीं। यह किताब हर उस व्यक्ति के लिए है, जिसने "जीने का सही प्रशिक्षण नहीं लिया और जिन्हें मार्गदर्शन करने वाले सही गुरु नहीं मिले।" जो व्यक्ति अपने जीवन में कुछ करने की भावना रखता है पर कर नहीं पाता, वह अपनी हर समस्या का समाधान पाकर अपने सपनों को अंजाम देने में सक्षम बनेगा। यह किताब उस माँ के लिए बहुत ही उपयुक्त है, जो अपने बच्चों को मार्गदर्शन करके महान् बनाने की भावना तो रखती है। पर वह किस तरह उसे समझाए यह नहीं जानती। वो मातापिता जो बच्चों के लिए सही मार्गदर्शन करना चाहते हैं, इस किताब के आधार से बच्चों को सिखा सकते हैं और खुद भी सीख सकते हैं। यह किताब स्कूलों में बच्चों को अच्छे बच्चे बनाने के लिए उपयुक्त है। स्कूल की पढ़ाई अच्छी है, परंतु अधूरी है, यह सबकी समझ में आया है। काफी शिक्षाधिकारी, आचार्य हैं, जो तहेदिल से इस कमी को पूरी करना चाहते हैं । उनके लिए यह किताब बहुत ही सार्थक होगी। इस किताब द्वारा हर व्यक्ति प्रत्येक क्षण का उपयोग करना जानेगा और सुव्यवस्थित, सुनियोजित तरीके से जीवन जीना सीखेगा।
SR No.009544
Book TitleAao Jeena Sikhe
Original Sutra AuthorN/A
AuthorAlka Sankhla
PublisherDipchand Sankhla
Publication Year2006
Total Pages53
LanguageHindi
ClassificationBook_Devnagari & Education
File Size6 MB
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