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________________ आओ जीना सीन... किताब क्यों लिपवी? 90 आओ जीना सीन... किताब क्यों लिनवी? 99 जीना सीरवाने वाला ज्ञान - जीवन विज्ञान * अपने आप को बदल सकते हो प्रेक्षाध्यान का सिद्धांत है - आदत, स्वभाव और व्यवहार में परिवर्तन हो सकता है। इस तथ्य का अनुभव मैंने किया । अपने अनुभव के आधार पर मैं लिख रही हूँ और आपसे विश्वास के साथ कहती हूँ - किताब लिखने का उद्देश्य केवल यही है। अपने आप को बदलना चाहते प्रेक्षाध्यान का हो तो बदल सकते हो। जीना सीखो। सही अर्थ से हर मिटांत है-आदत, क्षण का उपयोग करो। अपने जीवन का कल्याण करो। मुझे शिविर के दौरान बच्चों की आँखों में मेरे जैसे हजारों स्वभाव और व्यवहार प्रश्न तैरते हुए दिखाई देते हैं। मैंने पहले जो बात लिखी में परिवर्तन हो है, वापस उसे दोहराऊँगी "आओ, जीना सीखें।" सच्चा सकता है। ज्ञान पाकर और जीवन के हर पल का सदुपयोग कर जीवन सफल बनाओ। यही मेरी मंगल कामना है, भावना है। यह न आदेश है न ही उपदेश है। बस जिसे ढूँढते मेरे जीवन के बहुमूल्य दिन बीत गये, उस अमृतमय ज्ञान को आप तक पहुँचाते हुए आत्मिक सुख का अनुभव हो रहा है। यह ज्ञान मुझे जीवन विज्ञान, योग और प्रेक्षाध्यान के अभ्यास में मिला। सार्थक देशप्रेम एक बार स्वामी रामतीर्थ जापान गए, जहाँ उनकी भेंट एक बद्धिजीवी वृद्ध से हुई। पता लगा कि 75 वर्ष की उम्र में भी वे जर्मन भाषा सीख रहे है। स्वामीजी ने उसके उत्साह से प्रभावित होकर उससे पूछा - 'बाबा! इस उम्र में जर्मन भाषा सीखने का कारण?' स्वामीजी के प्रश्न को सुनकर वह मुस्कराया और गम्भीर होकर बोला - 'स्वामीजी! सीखने की कोई उम्र नहीं होती। मैं प्राणशास्त्र में स्नातक हूँ। जर्मन भाषा में इस विषय पर कई बहुत अच्छी पुस्तकें प्रकाशित हुई हैं। मैं जापानी भाषा में उनका अनुवाद करना चाहता हूँ, ताकि मेरे देशवासी उनसे लाभ उठा सकें।' उस वृद्ध के उत्साह और देश के प्रति लगाव को देखकर स्वामी रामतीर्थ श्रद्धा और आदर के साथ उनके पैर छूते हुए बोले - 'मैं समझ गया कि अब जापान को प्रगति पथ पर बढ़ने से कोई नहीं रोक सकता।' जीवन विज्ञान शिक्षा का नया आयाम है। हर समस्या का जो दे समाधान वही ज्ञान, एकांगी दृष्टि बदलने वाला ज्ञान शक्ति को जागृत करके, तनाव और थकान आसानी से दूर करनेवाला ज्ञान। विज्ञान से संबद्ध मानव जीवन का प्रतिनिधित्त्व करने वाला ज्ञान । व्यापक और मुख्यतः ये असांप्रदायिक ज्ञान। नैतिक, मूल्यपरक अभ्यास से सभी शिक्षा को समाहित करने वाला ज्ञान। जीने की कला सिखाने वाला ज्ञान। जीवन-विज्ञान स्वभाव परिवर्तन और आदतों का परिष्कार का प्रयोग है। जीवन-विज्ञान स्वस्थ और संतुलित जीवन का प्रशिक्षण है। जीवन-विज्ञान स्वस्थ समाज रचना का संकल्प है। जीवन-विज्ञान शिक्षा में क्रांतिकारी परिवर्तन का आधार है। जीवन-विज्ञान विधायक भावों का निर्माता है। जीवन-विज्ञान सही ज्ञान, दृष्टि और आचरण का उद्गाता है। जीवन-विज्ञान सिद्धांत और प्रयोग का समन्वय है। जीवन-विज्ञान सम्यक अभ्यास से चरित्र का निर्माता है। जीवन-विज्ञान मस्तिष्क-प्रशिक्षण की पद्धति है। जीवन-विज्ञान पर्यावरण के संतुलन का प्रशिक्षण है। जीवन-विज्ञान कार्य कौशल और क्षमता का विकास है। जीवन-विज्ञान स्मृति-संवर्धन के लिए संजीवनी है। जीवन-विज्ञान जीवन की श्रेष्ठ शैली है। जीवन-विज्ञान आभा मंडल की निर्मलता का नियोजक है। जीवन-विज्ञान नैतिकता, श्रमनिष्ठा, दायित्त्व बोध की समन्विति है। जीवन-विज्ञान विवेक और संवेग का सामंजस्य है। जीवन-विज्ञान मैत्री की आधारशीला है। * * * * *
SR No.009544
Book TitleAao Jeena Sikhe
Original Sutra AuthorN/A
AuthorAlka Sankhla
PublisherDipchand Sankhla
Publication Year2006
Total Pages53
LanguageHindi
ClassificationBook_Devnagari & Education
File Size6 MB
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