SearchBrowseAboutContactDonate
Page Preview
Page 14
Loading...
Download File
Download File
Page Text
________________ आओ जीना सीन... बच्चे यह किताब क्यों पढ़े? 0 शिक्षा ठमें क्या देती है?0 आओ जीना सीन... शिक्षा हमें क्या देती है? जीवन का उद्देश्य निश्चित करो बच्चो। एक बात याद रखो कि जन्मतः हम कुछ संस्कार लेकर आते हैं। कुछ हमें घर, स्कूल और वातावरण से मिलते हैं। विकसित बुद्धि और विवेक के कारण आज की दुनिया मनुष्य बहुत कुछ प्लानिंग सीख सकता है। क्या सीखना है यह निश्चित मेनेजमेन्ट कर सकता है। की है। तो आओ। अनंत शक्ति का स्रोत होने के बावजूद भी मनुष्य जीने के हर पल उसका अधिकाधिक उपयोग नहीं करता। अपनी का सुव्यवस्थित, क्षमताओं को वह सही तरह नहीं समझता, क्योंकि उसका लक्ष्य स्पष्ट नहीं होता और सुव्यवस्थित सुनिश्चित और आयोजन-नियोजन भी वह नहीं करता । इसलिए क्यामुन्दर आयोजन क्या सीखना? कब और कहां सीखना? सब कुछ सोचकर, समझकर, आयोजन पूर्वक करना है। आज की विया प्लानिंग-मेनेजमेन्ट की है। तो आओ। जीने के हर पल का सुव्यवस्थित, सुनिश्चित और सुन्दर आयोजन करें। सबसे बड़ी चुनौती है, जीवन का लक्ष्य तय करना । जीवन का लक्ष्य तय नहीं होता, तब जैसा दिन आता है वैसे ही चला जाता है, आज की दुनिया में नए-नए आकर्षण पैदा किए जा रहे हैं। नये नये विज्ञापन हमें आकर्षित करते हैं। भागदौड़ बढ़ती जा रही है, जिसमें जीना जटिल बन रहा है। ऐसे वातावरण में जीवन का उद्देश्य निश्चित करना अत्यंत आवश्यक बन गया है। बच्चो! इसे गहराई से पढ़ो। चिंतन करो और उसके बाद तय करो कि हमें क्या सीखना है? आज की सारी पढ़ाई, धन के अर्जन को केन्द्र स्थान में रखकर ही बनाई गई है। शिक्षा लेने के बाद अच्छी नौकरी मिल जाती है। डॉक्टर, इन्जीनीयर बनकर धन कमाने में जुटते हैं। उसके बाद सारी सुविधाएं चाहिए, उसके लिए अधिक कमाना जरुरी। एकांगी दृष्टिकोण से दी गई यह शिक्षा धन कमाने का उद्देश्य बना देती है। धन कमाना ही जीवन का और शिक्षा का मुख्य उद्देश्य बन जाता है। चारों ओर पैसा-पैसा और पैसा यही एक गूंज सुनाई देती है। पैसा जरूरी है, इसे नकारा नहीं जाता, पर केन्द्र में क्या है? पैसा या जीना? यह भी समझना जरूरी है। “धन से धन की भूख बढ़ती है, तृप्ति नहीं होती" -प्रेमचंद
SR No.009544
Book TitleAao Jeena Sikhe
Original Sutra AuthorN/A
AuthorAlka Sankhla
PublisherDipchand Sankhla
Publication Year2006
Total Pages53
LanguageHindi
ClassificationBook_Devnagari & Education
File Size6 MB
Copyright © Jain Education International. All rights reserved. | Privacy Policy