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________________ eveleveveLevel הברבבתבחבתלב בחבת || आभारप्रदर्शन || आ ग्रन्थ प्रकाशनमा जे जे ज्ञानभक्त - दानवीर श्राद्धवर्य सद्गृहस्थो ए स्वलक्ष्मीनो सदुपयोग करवा निमित्ते आर्थिक सहाय आपी छे ते सर्वनो अमे आभार मानीए छीए. 62YYYYYYYYYYYYYYY תבחבת 989 חברברב הלבחבו YYYY 545454545454545454 विज्ञापन श्री विक्रमनृप प्रतिबोधक - शासनप्रभावक - पूज्यपाद श्रीसिद्धसेन दिवाकरसूरि भगवन्ते बनावेल संमतितर्क ग्रन्थनो अभ्यास करवाने इच्छनारा अभ्यासको बहु सरलरीते समजी शके अभ्यास करी शके ते माटे ते मूल ग्रन्थना प्रतिपदनु विस्तारथी विवेचन करवा पूर्वक आ मूल ग्रन्थनी लघु टीका बनावत्रामां आवी छे. परवादिकृत युक्तिसमूहनु सचोट खण्डन करवामां आवेल होवाथी आ ग्रन्थनी महार्घता अने शासन प्रभावकता स्वभाविक सिद्ध थाय छे. 445454545454545 प्राप्तिस्थानम् – १ श्री रतिलाल बुलाखीदास - अमदावाद. स्वामिनारायण चाली घर नं. १७. २ जसवंतलाल गीरघर - जैन प्रकाशन मंदिर, ३०९ / ४ दोशीवाडानी पोल - अमदावाद. ३ जिनदास धर्मदासपेठी - महुवा बन्दर. तथा कदम्यगिरि ( बोदाना नेस ) ( मौगष्ट ) मुद्रणस्थानम् "Aho Shrutgyanam" भावनगरस्य महोदयमुद्रणालये गुलाबचन्द लल्लुभाइ इत्यनेन सम्पूर्णग्रन्थोऽयं मुद्रित : प्रस्तावना-विषयानुक्रमणिकादि सर्वे अहमदावादस्थ गांधीमार्गस्थित नयन मुद्रणालये पण्डित मफतलाल झवेरचन्द्रेण मुद्रितम्
SR No.009536
Book TitleSammatitarka Maharnavatarika
Original Sutra AuthorN/A
AuthorVijaydarshansuri
PublisherJainmarg Prabhavaka Sabha Madras
Publication Year
Total Pages556
LanguageSanskrit
ClassificationBook_Devnagari & Philosophy
File Size15 MB
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