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________________ ( ५५ ) ६ जेना पगमां डमरू आकृति होय ते हलका स्वभावनो, बैंकवादियो, अने भीख मांगनारो थाय. ७ जेना पगमां पद्माकृति होय, ते बहु धनिक, अने कोमल मननो थाय छे. ८ जेना पंगमां चक्राकार होय ते माणस ओछी बुद्धिवाळी, गुस्सेल भने हठ्ठी थाय छे.. जेना पगमां चक्राकार होय ते माणस भगवावाळो, अने विदेश फरनारो थाय छे. १० जेना पगमां बाणाकार होय ते माणस शूरवीर, अने स्वपराक्रमे शत्रुदलने जीतनार थाय छे. ११ जना पग ऊर्ध्व रेखाने स्पर्श करती वल्ली रेखावाळो अल्पजीवी बहु कीर्तिवाळो थाय. १२ जेना पगमां शाखाभेद चिन्हवाळी चोर अने लुच्या थाय छे. डाबो पग १ जेना पगमां परशु आकृति होय ते माणस शत्रुदलने जीतनार शूरवीर थाय छे. २ जेना पगमां उलटी ऊर्ध्व रेखा होय ते माणस दरिद्र थाय छे. ३ जेना पगमां सुलटी ऊर्ध्वरेखा होय ते माणस बहुश्रुत अने विद्वान् तेमज धनिक थाय छे परंतु उलटी सुलटी बन्ने रेखाओ मळती होय तो माणस गरीबीमांथी तवंग थाय छे अथवा तवंगरमाथी गरीब थाय छे. ४ जेना पगमां चक्र होय ते माणस विदेश फरनारो अने धन बिनानो, मानवाळो थाय छे. ५ जेना पगमां वाहन रेखा होय ते माणस वाहनोथी सुखी थाय छे. ६ जना पगमां षट्कोण आकृति होय ते राजवल्लभ थाय छे. ७ जेना पगमां दंड रेखा धन रेखा छे तेथी धनवान बने छे. " Aho Shrutgyanam"
SR No.009535
Book TitleHasta Sajjivanama
Original Sutra AuthorN/A
AuthorMeghvijay
PublisherMohanlalji Jain Granthamala Indore
Publication Year
Total Pages322
LanguageSanskrit
ClassificationBook_Devnagari & Jyotish
File Size7 MB
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