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________________ विश्वलोचनकोशः- [ डान्तवर्गेशुण्डा जलकरिण्यां च शुण्डस्तु मदनिर्भरे। शौण्डी कुशायां चविके शाण्डो मचेऽभिधेयवत् ॥ २४ ॥ षडः पेयान्तरे पुंसि षडो भिद्यपि विद्यते ।। पद्मादिवृन्दे षण्डोऽस्त्री षण्डः स्याद्गोपतौ चये ॥ २५॥ क्ष्वेडस्तु पुंसि गरले ध्वाने कर्णे महेश्वरे । क्ष्वेडस्त्रिषु स्यात्कुटिले क्ष्वेडा तु गजयोषिति ॥ २६ ॥ वीराणां सिंहनादेऽपि वंशशल्येऽपि च स्त्रियाम् । क्ष्वेडस्तु रक्तार्कफले घोषपुष्पे दुरासदे ॥ २७ ॥ डतृतीयम् । कारण्डो मधुकोषाऽसिकारण्डवदलाढके । कूष्माण्डो गणभेदे स्यात्कारुभ्रूणयोरपि ॥ २८ ॥ कूष्माण्डी चण्डिकायां स्यादपि स्यादौषधीभिदि । कोदण्डो देशभेदेऽपि कोदण्डः कार्मुके भ्रुवि ॥ २९ ॥ शुंड-मदोन्मत्त, (पुं०) लताका पुष्प, तेजखी, (पुं०) शौण्डी -कुशा, चव्य, (स्त्री०) । शौण्ड-मदोन्मत्त, (त्रि.) ॥२४॥ डतृतीय। षड-पीनेयोग्य पदार्थभेद, (पुं०) कारंड-शहदका कोश, तलवार बनापंड-कमल आदिकोंका समूह, (पुं० नेवाला, करडुवा-पक्षी, स्वयं उप न०) इंद्र, सांड आदि, समूह | जा तिल (पुं०) (पुं०)॥ २५ ॥ | कूष्मांड-महादेवके गणोंका भेद, श्वेड-विष, शब्द, कर्ण, महादेव, कोहला, गर्भ, (पुं०) ॥ २८ ॥ (पुं०) कुटिल (त्रि०) कूष्मांडी-चंडिका (देवी),औषधीभेद, श्वेडा-हस्तिनी, ॥ २६ ॥ शूरवीरोंकी (स्त्री०) _गर्जना, बांसका भाला, ( स्त्री०) कोदंड-देशभेद, धनुष, भृकुटी, श्वेड-लाल आक्रका फल, घोष (तोरी) (पुं० ) ॥ २९ ॥ ॥२७॥ "Aho Shrutgyanam"
SR No.009534
Book TitleVishwalochana Kosha
Original Sutra AuthorN/A
AuthorNandlal Sharma
PublisherBalkrishna Ramchandra Gahenakr
Publication Year1912
Total Pages436
LanguageSanskrit
ClassificationBook_Devnagari & Dictionary
File Size9 MB
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