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________________ boy.pm5 2nd proof देवकुरु से कुछ दूर हरिवर्ष क्षेत्र है। उससे कुछ दूर हिमवन्त क्षेत्र है । उससे कुछ दूर भरतक्षेत्र है । नीचे दिए हुए चित्र द्वारा इस बात को समझ सकेंगे । जम्बूद्वीप जम्बूद्वीप में एक मेरुपर्वत है । उसके साथ तीन कर्मभूमि देखनी हो तो इस चित्र से देख सकते हैं । जम्बूद्वीप ३ कर्मभूमि उत्तर ऐखत क्षेत्र उत्तर ऐवत क्षेत्र हिरण्यवन्त क्षेत्र रम्यक् क्षेत्र उत्तरकुरु - महाविदेहक्षेत्र मेरुपर्वत -महाविदेहक्षेत्र - पश्चिम | _ पश्चिम -महाविदेहक्षेत्र मेरुपर्वत ८-महाविदेहक्षेत्र - -देवकुरुहरिवर्ष क्षेत्र भरत क्षेत्र हिमवन्त क्षेत्र भरत क्षेत्र दक्षिण दक्षिण जम्बूद्वीप में तीन कर्मभूमि हैं, वो इस चित्र में नाम लिखे हैं उसी प्रकार अलग-अलग जगह पें हैं। चित्र में मेरुपर्वत के दोनों तरफ महाविदेह क्षेत्र है, जम्बूद्वीप में, मेरुपर्वत के दोनों तरफ महाविदेह क्षेत्र है, जम्बूद्वीप में, मेरुपर्वत के उपरी तरफ सबसे अन्त में ऐरावत क्षेत्र है, मेरुपर्वत के नीचे की तरफ सबसे अन्त में भरतक्षेत्र हैं। जम्बूद्वीप में छह अकर्मभूमि है, इससे पूर्ववर्ती चित्र में नाम लिखे हैं उसी प्रकार अलग-अलग जगह पर है । चित्र में मेरुपर्वत के नीचे की तरफ बिल्कुल पास में देवकर है। उसके नीचे हरिवर्ष क्षेत्र है। उसके नीचे हिमवन्त क्षेत्र है। चित्र में मेरुपर्वत के उपर की ओर बिल्कुल पास में उत्तरकुरु है। इसके उपर रम्यक्षेत्र है । उसके उपर हिरण्यवन्त क्षेत्र है । बालक के जीवविचार • ५१ ५२ . बालक के जीवविचार
SR No.009505
Book TitleBalak ke Jivvichar
Original Sutra AuthorN/A
AuthorPrashamrativijay
PublisherPravachan Prakashan Puna
Publication Year2008
Total Pages48
LanguageHindi
ClassificationBook_Devnagari & Education
File Size1 MB
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