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________________ Huawe ete व्रतोद्यापन। [१०१ ་་ ་་ ༣ ”༤ ས་、 、་ དད་ ད་དུང་ अमलकमलगन्धेस्तन्दुलैः पाण्डखण्डैः । प्रसवचरुभिरुचीपधूपप्रसनः । अथ कुन (थ)शत ? पर्वस्वस्तिकाद्यैर्ददेऽहं रचितमुचितमस्मे जैनधर्माय वाघ ॥ ९॥ ॐ हीं अर्हन्मु० अर्धे ॥ ९ ॥ अथ जयमाला। घत्ता । धम्मालयसारं लक्खणभारं दहलक्खण लक्खण सहियं । दह दिणसुहकारणामविपारं ___ अक्खमिजह जिणवर कहियं ॥१॥ पंचमीदिण जिणणाम सुकहियं मुजकिरण उत्तमखमसहियं । छडिदिणचन्द किरणगुण भरियं ___ मद्दवसहियसुपोसह महियं ॥२॥ सत्तमीदिणमणिकिरण विसालं __ अजब सहपण सुहुसह भालं। अहमि धम्मरयण गुणमालं सव्ववयाण लहियं जगपालं ॥ ३ ॥ णममी बोहरयण पुजिजइ सोचसंगसिरि जिणवर गिजई।
SR No.009498
Book TitleDash Lakshan Dharm athwa Dash Dharm Dipak
Original Sutra AuthorN/A
AuthorDeepchand Varni
PublisherMulchand Kisandas Kapadia
Publication Year
Total Pages139
LanguageHindi
ClassificationBook_Devnagari, M000, & M005
File Size6 MB
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