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________________ ४०१ योगसार प्रवचन (भाग-२) मुमुक्षु – स्वभाव से तो असंख्य प्रदेशी है। उत्तर – है तो सही। द्रव्यदृष्टि से देखना, ऐसा। असंख्य प्रदेशी तो है परन्तु उसे ज्ञान में रखना; अभेद में यह असंख्य प्रदेशी है – ऐसा नहीं। विकल्प नहीं, भेद है न! अन्तर अभेद में नहीं, यह पहले कहा था। असंख्य प्रदेश भले इन्होंने लिखा है परन्तु वास्तव में तो एक प्रदेशी ही गिनने में आया है, लो! आता है न? पंचास्तिकाय! पंचास्तिकाय में ऐसा लिया है। एक प्रदेशी अर्थात् एकरूप, ऐसा। ऐसा लिया है। असंख्यप्रदेश हैं अवश्य, हाँ! यह वस्तु है। निश्चय से ऐसी है परन्तु असंख्य प्रदेश का ख्याल छोड़कर, एक प्रदेशी – एक स्वरूप - ऐसा पंचास्तिकाय में लिया है। एक प्रदेशी... एक प्रदेशी अर्थात् एकरूप, बस! ऐसा लिया है। असंख्य प्रदेश ख्याल में आवे तो विकल्प उठते हैं, भेद रहता है। समझे ? है न कहीं असंख्य प्रदेश का? कहाँ है ? ___ पंचास्तिकाय देखो, है। पहली लाईन है न? ३१ (गाथा) जीव वास्तव में अविभागी एक द्रव्यपने के कारण लोकप्रमाण एक प्रदेशवाले हैं। हैं न? 'जीवा अविभागैकद्रव्यत्वाल्लोक-प्रमाणैकप्रदेशाः' एक ओर लोकप्रमाण परन्तु एक प्रदेश.... वस्तु अभेद, ऐसा। पंचास्तिकाय ३१ वीं (गाथा) है। अगुरुलहुगा अणंता तेहिं अणंतेहिं परिणदा सव्वे। देसेहिं असंखादा सिय लोगं सव्वमावण्णा॥३१॥ 'अमृतचन्द्राचार्य' ने टीका लिखी है। असंख्य यह तो भेद हो गया, व्यवहार (हुआ) वापिस भेद हो गया। इसलिए असंख्य नहीं - ऐसा नहीं और कोई यह कहे कि यह असंख्य है, यह तो व्यवहार ही है – ऐसा प्रश्न उठता है। बहुत वर्ष पहले एक भाई ने प्रश्न किया था, हंसराजभाई। अभ्यासी थे न, अमरेली। बहुत वर्ष हुए (संवत्) १९७८ के साल की बात है, १९७८ वे कहें, आत्मा को असंख्यप्रदेश है नहीं, वह तो व्यवहार है। कहा, वह व्यवहार नहीं, वह असंख्य प्रदेश यथार्थ है परन्तु असंख्य प्रदेश का भेद - विचार करना, वह व्यवहार है। वस्तु असंख्य (प्रदेशी) नहीं है – ऐसा नहीं है। फिर तो जैसे वेदान्त कहते हैं – ऐसा हो जाता है। ऐसा नहीं है। है असंख्यप्रदेशी; एक-एक अंश उसके असंख्य प्रदेश हैं। लोक के आकाश के प्रदेश जितने इसके प्रदेश हैं परन्तु इन
SR No.009482
Book TitleYogsara Pravachan Part 02
Original Sutra AuthorN/A
AuthorDevendra Jain
PublisherKundkund Kahan Parmarthik Trust
Publication Year2010
Total Pages420
LanguageHindi
ClassificationBook_Devnagari
File Size2 MB
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