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________________ योगसार प्रवचन (भाग-२) १४५ भगवान आत्मा अभेददृष्टि में मुख्य करके उसका आश्रय करना है, प्रयोजन सिद्ध करना है। पर्याय के आश्रय से प्रयोजन सिद्ध नहीं होता। अपने कार्य में शान्ति प्रगट करना है। सम्यग्दर्शन-ज्ञान-चारित्र तीनों शान्ति है। तीनों धर्म है, शान्ति है, तीनों आनन्द है। तो आनन्द का प्रयोजन सिद्ध करने के लिए अपना स्वभाव त्रिकाल जो मुख्य है, उसे निश्चय कहकर भूतार्थ – एक वही है, वही है – ऐसा कहा, परन्तु पर्याय है ही नहीं – ऐसा नहीं है। समझ में आया? यह आत्मा सत् पदार्थ है, वह कभी जन्मा नहीं, कभी नष्ट होनेवाला नहीं स्वतः सिद्ध है। किसी ने उसे उत्पन्न नहीं किया... जो होवे उसे कौन उत्पन्न करे? है... है... है... आदि – अन्तरहित सत् भगवान आत्मा सत्... सत् है। सत् कहो या है कहो। है... है... है... तो उसका स्वभाव भी त्रिकाल है, स्वभाव त्रिकाल है, परिणमन एक समय की पर्याय है। यह लोक अनादिकाल से है, छह द्रव्यों के समूहों को लोक कहते हैं। ठीक। यह तो बात की है। आत्मा, आत्मारूप से सर्व समान है तो भी प्रत्येक आत्मा की सत्ता दूसरे आत्मा की सत्ता से पृथक् है। अनन्त आत्मा... निगोद के एक शरीर में अनन्त (आत्मा हैं)। ओ...हो... ! इतनी कीमत तो दे, कहते हैं । एक निगोद का इतना टुकड़ा, बटाटा को क्या कहते हैं ? आलू, हरी काई, एक इतना टुकड़ा लो, उस टुकड़े में असंख्य शरीर, एक शरीर में अभी तक जितने सिद्ध हुए उनसे अनन्त गुणे जीव, संख्या से अनन्त हैं – इस अपेक्षा से समान हैं; सत्ता सबकी अलग-अलग है। आहा...हा... ! यह वस्तु बापू! यह वस्तु है, भाई! एक तो तेरे ज्ञान की एक समय की पर्याय में इतने ही छह द्रव्यों का इतना अस्तित्व स्वीकार करे, इतनी तो इसके ज्ञानगुण की एक समय की परलक्ष्यी पर्याय की सामर्थ्य है। समझ में आया? यह भगवान आत्मा का लक्ष्य करके जो ज्ञानपर्याय प्रगट हुई, उसमें तो अनन्त... अनन्त गुण का पिण्ड प्रभु जानने की, स्वीकार करने की एक समय की पर्याय में ताकत है। समझ में आया? यह कहते हैं । देखो, प्रत्येक आत्मा की सत्ता दूसरे आत्मा की सत्ता से निराली है। अपने आत्मा को एकाकी देखो... श्रद्धा का विषय है न! भगवान आत्मा
SR No.009482
Book TitleYogsara Pravachan Part 02
Original Sutra AuthorN/A
AuthorDevendra Jain
PublisherKundkund Kahan Parmarthik Trust
Publication Year2010
Total Pages420
LanguageHindi
ClassificationBook_Devnagari
File Size2 MB
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