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________________ नियमसार (आर्या) इति विपरीतविमुक्तं रत्नत्रयमनुत्तमं प्रपद्याहम् । अपुनर्भवभामिन्यां समुद्भवमनंगशं यामि ।।१०।। मोक्षमार्ग कारण भी है और कार्य भी है। मोक्षमार्ग मोक्ष का कारण है और शुद्धज्ञानचेतनापरिणाम का कार्य है। जिसप्रकार त्रिकाल सदृश एकरूप ध्रुवपरिणाम है; उसीप्रकार उसका सदृशरूप वर्तमान ध्रुवपरिणाम भी है। ये दोनों ही कारणरूप नियम में समाविष्ट हैं। तात्पर्य यह है कि कारणनियम भी दो प्रकार का है ह १. त्रिकाल एकरूप ध्रुव परिणाम और २. वर्तमान ध्रुवपरिणाम। यह बात भी ध्यान देने योग्य है कि यहाँ 'सार' शब्द विपरीतता के परिहार के लिए प्रयुक्त है। यदि सम्यग्दर्शन-ज्ञान-चारित्र की बात करें तो इनके विपरीत मिथ्यादर्शन-ज्ञानचारित्र का परिहार लिया जायेगा; किन्तु यदि निश्चय सम्यग्दर्शन-ज्ञान-चारित्ररूप निश्चय मोक्षमार्ग की बात करें तो उसके विपरीत व्यवहार सम्यग्दर्शन-ज्ञान-चारित्ररूप व्यवहार मोक्षमार्ग का परिहार अभीष्ट होगा। चूंकि यहाँ निश्चय मोक्षमार्ग की बात चल रही है; अत: यहाँ व्यवहार मोक्षमार्ग को ही विपरीत मानकर, उसी का परिहार अभीष्ट होना चाहिए||३|| इस गाथा की टीका के अन्त में टीकाकार पद्मप्रभमलधारिदेव अपनी भावना को एक आर्या छन्द में इसप्रकार व्यक्त करते हैं। छन्द का पद्यानुवाद इसप्रकार है ह्न (रोला) विपर्यास से रहित अनत्तम रत्नत्रय को। पाकर मैं तोवरण करूँ अब शिवरमणी को।। प्राप्त करूँ मैं निश्चय रत्नत्रय के बल से। अरे अतीन्द्रिय अशरीरी आत्मीकसुक्खको||१०|| इसप्रकार मैं विपरीतता से रहित अनत्तम रत्नत्रय का आश्रय करके मक्तिरूपी रमणी से उत्पन्न अनंग सुख को प्राप्त करता हूँ। तात्पर्य यह है कि विपरीतता से रहित निश्चयरत्नत्रय अर्थात् विकल्परहित निर्विकल्परत्नत्रय को धारण करने से अशरीरी, अतीन्द्रिय, अनंत सुख की प्राप्ति होती है। इसप्रकार इस कलश में विपरीतता से रहित, सर्वश्रेष्ठ निश्चयरत्नत्रय के प्रताप से अनंत अतीन्द्रिय अनंग सुख की कामना की गई है, अनंत अतीन्द्रिय अनंग सुख की प्राप्ति की सूचना दी गई है।।१०।। विगत गाथा में नियम और उसके साथ जुड़े हुए सार शब्द की चर्चा की थी। अब इस गाथा में उसी बात को आगे बढ़ाते हैं।
SR No.009464
Book TitleNiyamsara
Original Sutra AuthorN/A
AuthorHukamchand Bharilla
PublisherTodarmal Granthamala Jaipur
Publication Year2012
Total Pages497
LanguageHindi
ClassificationBook_Devnagari
File Size2 MB
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