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________________ · ६८ भगवान महावीर और उनकी अहिंसा क्योंकि यह स्वार्थी जगत बिना प्रयोजन तो किसी को कभी याद करता ही नहीं है । उन्होंने हमें कुछ ऐसे सिद्धान्त दिये थे, ऐसा मार्ग बताया था कि जिन्हें हम अपना लेवें, जिस पर हम चलें तो आज भी सुख-शान्ति प्राप्त कर सकते हैं । कुछ लोग कहते हैं कि भगवान महावीर ने जो रास्ता पच्चीस सौ वर्ष पहले बताया था, हो सकता है कि वह उस युग में किसी काम का रहा हो, पर आज दुनियाँ बहुत बदल गयी है; कहाँ वह बैलगाड़ी का जमाना और कहाँ यह राकेटी दुनियाँ ? पच्चीस सौ वर्ष पुरानी बातें आज किस काम की ? अत: वे कहते हैं कि आज महावीर प्राउट ऑफ डेट हो गये हैं । ऐसे लोगों से मैं कहना चाहता हूँ कि महावीर प्राउट ऑफ डेट नहीं, आज भी एकदम अप टू डेट हैं । मेरी यह बात शायद उन लोगों को पसन्द न आये, जो ऐसे कपड़े पहिनकर, ऐसे बाल कटाकर कि दूर से देखने पर पता ही न चले कि लड़का है या लड़की, अपने को अप टू डेट समझते हैं; पर ध्यान रहे, कोई व्यक्ति ड्रेस से अप टू डेट नहीं होता, अपितु अपने विचारों से होता है । 1 जो व्यक्ति ड्रेस से अप टू डेट बनेगा, उसे एक न एक दिन प्राउट ऑफ डेट होना ही होगा; क्योंकि ड्रेस सदा एक सी नहीं रहती, बदलती ही रहती है । मेरे पिताजी पगड़ी बांधा करते थे । जब वे दर्पण के सामने बैठकर पगड़ी बाँधते थे तो एक घण्टे से कम नहीं लगता था । इसीप्रकार जब पगड़ी बाँधकर बाजार से निकलते थे तो अपने को कम अप टू डेट नहीं समझते थे, पर हमने पगड़ी छोड़ दी और टोपी लगाकर अपने को अप टू डेट समझने लगे । हमारे बच्चों ने टोपी भी फेंक दी और अप टू डेट हो गये, हमें प्राउट ऑफ डेट कर दिया । भाई ! जो व्यक्ति ड्रेस से अप टू डेट बनेगा, उसे एक न एक दिन आउट ऑफ डेट होना ही होगा । और कोई नहीं, स्वयं के बच्चे ही उसे आउट ऑफ डेट कर देंगे । जब लोग पगड़ी बांधते थे तो लोग पगड़ियाँ उछाला करते थे, जब टोपियाँ लगाने लगे तो टोपियाँ उलछने लगीं, पर आज न लोग पगड़ी बघते हैं न टोपी लगाते हैं तो लोगों के बाल ही उड़ने लगे । आपने
SR No.009449
Book TitleGagar me Sagar
Original Sutra AuthorN/A
AuthorRatanchand Bharilla
PublisherTodarmal Granthamala Jaipur
Publication Year1998
Total Pages104
LanguageHindi
ClassificationBook_Devnagari
File Size8 MB
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