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________________ दिया, रास्त में राजा ने बहुत पूछा कि बताआ मुझे आपके बादशाह ने क्यों बुलाया है? तब मंत्री बोला-महाराज आपके पुत्र के बल, गौरव और पराक्रम की प्रशंसा सुनकर हमारे राजा ने आपको बुलाया है, जिससे आपकी शादी राज घरान की किसी अच्छी लड़की से कर देंगे, और आप उनके राज्य में रहकर वैसी ही संतान पैदा करें । तब राजा बोला कि अच्छा भाई वहाँ हमारे लायक कोई लड़की भी मिलेगी? तब वह मुगल मंत्री बोलता है कि हमारे राज्य में एक से एक सुन्दर लड़कियाँ हैं | तब राजा कहता है कि मुझे सुन्दर लड़की नहीं चाहिय । मुझे तो ऐसी ही लड़की चाहिये जैसी मेरी रानी थी। तब मंत्री बोला – कैसी थी आपकी रानी? राजा न अपनी रानी का चरित्र सुनाना शुरू कर दिया कि जो राजपुत्र लड़ाई में मारा गया जब वह 6 माह का था, पालने में सो रहा था, ता मैं रानी के कमरे में गया और कुछ राग भरी बात रानी से कहने लगा। तब रानी ने बीच में ही टोककर कहा कि इस बच्चे के सामने राग मिश्रित वचन मत बोलिये, यह पर पुरुष है। तब मैंने कहा कि इतने छोटे से बच्चे के रहने से क्या हाता है | हम एसा बोल ही रहे थे कि उस बच्चे ने अपना मुँह चादर से ढक लिया। यह बात रानी ने देख ली, और वह बोली कि देखो आप इसके सामने राग भरी बात कर रहे थे, अतः इस भी शरम आ रही है, इसने अपना मुँह छिपा लिया । यह कहकर रानी अपनी जीभ दाँतां की बीच चबाकर मर गई। यह तो उसके शील की थोड़ी-सी कहानी है। सारी चर्या का तो कहना ही क्या? अतः आपके राज्य में यदि काई ऐसी शीलवती लड़की हो, तो मैं उससे विवाह कर सकता हूँ और फिर ऐसी ही बलवान् संतान पैदा हो सकती है। मंत्री अपना सा मुँह ले कर वापिस चला गया। संतान में सुबुद्धि का आना, बल का आना, ज्ञान का बढ़ना, योग्यता का (626)
SR No.009438
Book TitleRatnatraya Part 02
Original Sutra AuthorN/A
AuthorSurendra Varni
PublisherSurendra Varni
Publication Year
Total Pages802
LanguageHindi, Sanskrit
ClassificationBook_Devnagari
File Size57 MB
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