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________________ नहीं कराऊँगी। इतना ही नहीं, अनेकों संकट उसके जीवन में आये, परन्तु वह उसे सांसारिक माया माह न न फँसा सके । एक बंगाली ब्राह्मण की 16 वर्ष की कन्या विधवा हो गई। वह ब्राह्मण अच्छा अनुभवी विद्वान् था। वह उस लड़की को अपने घर ले आया और उसने स्वयं उस दिन से ब्रह्मचर्य व्रत ले लिया। वह, उसकी पत्नी और पुत्री तीनों ही ब्रह्मचर्य पूर्वक जीवन व्यतीत करने लगे। जमीन पर सोने लगे। इससे उस लडकी का समय भी पवित्रता के साथ व्यतीत हो गया । गृहस्थ व्यक्तियों का अनेक बातों का ध्यान रखना चाहिये | व्यर्थ मजाक न करें, बच्चों के साथ बैठकर पिक्चर न देखें, बच्चों के सामने मजाक नहीं करना। यदि हम चाहते हैं हमारे बच्चे सच्चारित्रवान् बनें तो हम भी अपने व्रत का दृढ़ता से पालन करें। गुजरात का एक राजा था। एक बार मुगलों ने उस पर चढ़ाई कर दी। मुगलों की सेना से लड़ने के लिये उसका पुत्र गया। वह वीरता से युद्ध करता रहा दुर्भाग्य स राजकुमार का सिर युद्ध में कट गया, फिर भी उसके हाथ की तलवार ने 10-12 मुगलों के सिर काट दिय | मुगलों के राजमंत्री ने सोचा कि यह इतना बहादुर है, फिर इसका पिता तो और भी बहादुर होगा | जाकर क मंत्री ने यह बात मुगल बादशाह से कही, बादशाह ने कहा-उस राजा का हमारे राज्य में लाओ, ताकि हम उसका विवाह किसी अच्छी लड़की से कर देगें | इससे ऐसी बहादुर संतान हमारे राज्य में भी पैदा हो सके | वह मंत्री उस राजा के पास गया, और बोला-महाराज! हमारे बादशाह ने आपको बुलाया है। राजा ने पूछा कि बताओ मुझे आपके बादशाह ने क्यों बुलाया? उसने कारण नहीं बताया। राजा उसके साथ चल 625)
SR No.009438
Book TitleRatnatraya Part 02
Original Sutra AuthorN/A
AuthorSurendra Varni
PublisherSurendra Varni
Publication Year
Total Pages802
LanguageHindi, Sanskrit
ClassificationBook_Devnagari
File Size57 MB
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