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________________ 8. गौमूत्र 2 लीटर निर्माण विधि : सभी घटक बारीक कट पीसकर कपड़छान कर गौमूत्र के साथ कढ़ाई में डालकर मंदाग्नि में औटाकर गाढ़ा बनने दें। फिर अपने आप ठंडा होने पर 1/2 -1/2 ग्राम की गोलियाँ बनायें। नमी से बचाने के लिए गोबर की राख तथा शुद्ध गैरीक को अनुमान से मिलाकर उसमें गोलियों को लिपटाकर प्लास्टिक की डिब्बी में रख देना चाहिए। गुणधर्म : मधुमेह नियंत्रण हेतु .. 12 -गौतक्रासव घटक : गाय का मट्ठा 1 लीटर . . (पिसा.) सैंधा नमक 50 ग्राम राई का चूर्ण-50 ग्राम . . हल्दी चूर्ण -50 ग्राम निर्माण विधि : गाय के मढे में बराबर मात्रा में पानी मिलाकर, उसमें बाकी तीनों चीजें अच्छी तरह मिलाकर रख देवें। फिर किसी मिट्टी के बर्तन या कांच के मर्तबान में भर कर मुँह बंद रखकर संधान करें। चौथे दिन इसे छानकर बोतलों में भरें। निथार कर छानना चाहिए ताकि राई के छिलके और हल्दी कम आ सके। बाद में बोतलों में भी हल्दी जम जाने के बाद निथारते रहें। गुणधर्म : अर्श (बवासीर) के लिये हर सूरत में लाभकारी। पेट के सब रोग, भूख न लगना, अन्न न पचना, गैस, अजीर्ण ठीक होते हैं। यह पाँचक है। यकृत, प्लीहा को लाभ पहुंचाता है। सब प्रकार के बवासीर, अजीर्ण, अफारा, गैस, भूख की कमी, घबराहट, कब्ज, सभी प्रकार के पेट रोगों का नाशक है। स्वादिष्ट पाँचक पेय है। . मात्रा : छोटे चार चम्मच भोजन के बाद पानी मिलाकर दो बार पीने से फायदा होता है। सब ऋतु में सबके लिए बराबर मात्रा में रोजाना लेना स्वास्थ्यरक्षक है। आयुवर्धक पेय है। स्वादिष्ट है। निरापद, सरल योग है। गैस नाशक है। . 13. गौ तक्रारिष्ट (आयुर्वेद सार संग्रह - आसवारिष्ट प्रकरण) घटक : 1. अजवायन 120 ग्राम 2. आंवला 120 ग्राम 3. हरड़े __120 ग्राम 4. काली मिर्च 120 ग्राम गौमाता पंचगव्य चिकित्सा गामाता 'पचगव्य चिकित............... ... .. .. 79 . ..
SR No.009393
Book TitleGaumata Panchgavya Chikitsa
Original Sutra AuthorN/A
AuthorRajiv Dikshit
PublisherSwadeshi Prakashan
Publication Year2012
Total Pages130
LanguageHindi
ClassificationBook_Devnagari
File Size4 MB
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