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________________ A 305 307 314 (wi) पंचम अध्याय :- विशेषावश्यकभाष्य में अवधिज्ञान 299-396 अवधिज्ञान की परिभाषा 301 श्वेताम्बर आचार्यों की दृष्टि में 301 . दिगम्बर आचार्यों की दृष्टि में 301 अवधिज्ञान के प्रकार 303 भवप्रत्यय अवधिज्ञान का स्वरूप 303 गुणप्रत्यय (क्षायोपशमिकप्रत्यय) अवधिज्ञान का स्वरूप अवधिज्ञान के अन्य प्रकार | गुणप्रत्यय के प्रकार आगमों में प्राप्त प्रकार 307 आवश्यक नियुक्ति के अनुसार 308 षट्खण्डागम के अनुसार 309 तत्त्वार्थसूत्र के अनुसार 309 चौदह निक्षेपों के अनुसार अवधिज्ञान का वर्णन 311 अवधि निक्षेप 312 क्षेत्र परिमाण निक्षेप 314 अवधि का जघन्य क्षेत्र परिमाण स्पष्टीकरण 314 समीक्षा 315 मतान्तर 315 जिनभद्रगणि का मत 316 आगमानुसार 316 अवधिज्ञान का उत्कृष्ट क्षेत्र परिमाण अवधिज्ञान के क्षेत्र का नाप 320 द्रत्य-क्षेत्र-काल-भाव की वृद्धि काल की वृद्धि 322 क्षेत्र की वृद्धि 322 द्रव्य की वृद्धि पर्याय की वृद्धि 323 . मतान्तर . सूक्ष्म का अर्थ 323 अवधिज्ञानी के जानने योग्य पुद्गल वर्गणा का स्वरूप 325 द्र व्यवर्गणा 326 द्रव्य वर्गणा के प्रकार 326 द्रव्य वर्गणा का परिणाम 327 विशेषावश्यकभाष्य के अनुसार ध्रुवादि वर्गणाओं का स्वरूप 329 पंचसंग्रह के अनुसार वर्गणाओं का विवेचन 331 द्रव्य वर्गणा के बयालीस प्रकार 332 317 321 . . 323 . 323 323 * * * * *
SR No.009391
Book TitleVisheshavashyakbhashya ka Maldhari Hemchandrasuri Rachit Bruhadvrutti ke Aalok me Gyanmimansiya Adhyayan
Original Sutra AuthorN/A
AuthorPavankumar Jain
PublisherJaynarayan Vyas Vishvavidyalay
Publication Year2014
Total Pages548
LanguageHindi
ClassificationBook_Devnagari
File Size3 MB
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