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________________ ७ ८ ह १० ११ १२ १३ १४ १५ १६ १७ १८ १६ २० २१ २२ २३ २४ १ १ १ १ १ ( १८ ) सुन्दर भोजन, पुत्र और धन की प्राप्ति रोग, संताप, स्त्रीसुख चादि सुन्दर स्त्री सुख मरगा तथा दृढ़ बन्धन शस्त्रवघ पुण्य कर्म तथा विभव का उदय अकस्मात पद लाभ निधि वस्त्रादि प्राप्ति शुभकार्यों में सद्य बन्धन के लिये अवरोध मृत्यु योग होने पर भी रक्षा दिनश्रेष्ठ योग मृत्यु योग होने पर भी रक्षा मासफल महों का उच्च, स्वगृह, मित्रादि योग प्रतापी और शत्रुओं से भधृष्य होने के योग दुस्थिति, धननाश, पुत्रपीड़ा आदि योग शत्रुनाश आदि योग विशिष्ट पदादियोग गुरुफल बृहस्पति के द्वादश राशियों में फल शुक के द्वादश शुक्रकल राशियों में फल बुधफल बुध के द्वादश राशियों में फल भौमफल ओम के द्वादश राशियों में फल राहुफल राहु के द्वादश राशियों में फत १ fraineer अंकुरडलिका ८६२ ८६३ ८६४-६६ ८६७ ८६६ ६०० ६०१ ૨ ६०३ ६०४ ६०५ ६०६ c ६०६ ६१० ६११ ६१२-१३ ६१६ - २३ ६२४ - ६२६ ६२७ - ३० ६३५-३८ ६३६-७४५
SR No.009389
Book TitleTrailokya Prakash
Original Sutra AuthorN/A
AuthorHemprabhsuri
PublisherIndian House
Publication Year1946
Total Pages265
LanguageHindi
ClassificationBook_Devnagari
File Size8 MB
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