SearchBrowseAboutContactDonate
Page Preview
Page 114
Loading...
Download File
Download File
Page Text
________________ 7. तुला राशि में गुरु हो तो जातक सुन्दर, उदार, बली, योग्य धार्मिक, प्रवृत्ति, निष्पक्ष, बुद्धिमान्, व्यापार कुशल, कवि, लेखक, सम्पादक, बहुपुत्रवान् एवं सुखी होता है। 8. वृश्चिक राशि में गुरु हो तो जातक शास्त्रज्ञ, राजमन्त्री, कार्यकुशल, सुगठित शरीर, अपनी उच्चता का दिखावा करने वाला, स्वार्थी, निर्बलस्वास्थ्य, दुःखी एवं कामुक होता है। 9. धनु राशि में गुरु हो तो जातक धनी, प्रभावशाली, विद्वान्, विश्वस्त, सज्जन, दानशील संगठनकर्ता, अच्छा वक्ता, धर्माचार्य, दम्भी , रतिप्रेमी एवं धूर्त होता है। 10. मकर राशि में गुरु हो तो जातक प्रवासी, द्रव्यहीन, व्यर्थपरिश्रमी, चंचलचित्त, धूर्त, असभ्य आचरण, दुःखी एवं ईर्ष्यालु होता है। 11. कुम्भ राशि में गुरु होतो जातक विद्वान परन्तु धनहीन, लोकप्रिय, मिलनसार, स्वप्नों के जगत में विचार करने वाला डरपोक प्रवासी, कपटी एवं रोगी होता है। 12.मीन राशि में गुरु हो तो जातक लेखक, शास्त्रज्ञ, गर्वहीन, राजमान्य, शान्त, व्यवहार कुशल, दयालु, साहित्य प्रेमी, विरासत में धन सम्पत्ति प्राप्त करने वाला, साहसी एवं उच्चपद पर आसीन होता है। शुक्र 1.मेष राशि में शुक्र हो तो जातक स्वप्न जगत में विचारने वाला, आवेशपूर्ण स्वभाव, अस्थिरमन, दुःखी, बुद्धिमान्, आरामतलब, दुराचारी, परस्त्रीरत, झगड़ालू विश्वास हीन एवं अधिक खर्च करने वाला होता है। 2.वृष राशि में शुक्र हो तो जातक सुन्दर, ऐश्वर्यवान्, दानी, सदाचारी, सात्त्विक, परोपकारी, अनेक शास्त्रज्ञ, दृढ़, स्वतन्त्रकामुक, शौकीन तबीयत, संगीत-नृत्य तथा अन्य कलाओं में रुचि एवं आलसी होता है। 3.मिथुन राशि में शुक्र हो तो जातक कवि, साहित्यिक, चित्रकला निपुण, साहित्यिक स्रष्टा, प्रेमी, सज्जन, लोकहितैषी धनी, उदार, सम्मानित, कुशाग्रबुद्धि, विद्वान् एवं परस्त्रियों में रुचि रखने वाला होता है। 114
SR No.009373
Book TitleSaral Jyotish
Original Sutra AuthorN/A
AuthorArunkumar Bansal
PublisherAkhil Bhartiya Jyotish Samstha Sangh
Publication Year
Total Pages154
LanguageHindi
ClassificationBook_Devnagari
File Size1 MB
Copyright © Jain Education International. All rights reserved. | Privacy Policy