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________________ सबलायारे संकिलिट्ठायारे अप्पसुए अप्पागमे नो कप्पइ आयरियत्ताए उवज्झायत्ताए गणावच्छेयगत्ताए उद्दिसित्तए ॥८॥ निरुद्धपरियाए समणे णिग्गंथे कप्पइ तदिवसं आयरियउवज्झायत्ताए उद्दिसित्तए, से किमाहु भंते !, अस्थि णं थेराणं तहाख्वाणि कुलाणि कडाणि पत्तियाणि थेज्जाणि वेसासियाणि संमयाणि सम्मुइयकराणि अणुमयाणि बहुमयाणि भवंति, तेहि कडेहिं तेहिं पत्तिएहिं तेहिं थेज्जेहि तर्हि वेसासिएहि तेहिं संमएहिं तेहि संमुइयकरेहि तेहि अणुमएहिं तेहिं वहुमएहिं जं से निरुद्धपरियाए समणे णिग्गंथे कप्पइ आयरियउवज्झायत्ताए उदिसित्तए तदिवस ॥९॥ निरुद्धवासपरियाए समणे णिग्गंथे कप्पइ आयरियउवज्झायत्ताए उदिसित्तए समुच्छेयकप्पंसि तस्स णं आयारपकप्पस्स देसे अवट्ठिए सेय 'अहिज्जिस्सामि'-त्ति अहिज्जेज्जा एवं से कप्पइ आयरियउवज्झायत्ताए उद्दिसित्तए, से य 'अहिज्जिस्सामि'-- त्ति नो अहिज्जेज्जा एवं से नो कप्पइ आयरियउवज्झायत्ताए उदिसित्तए तदिवसं ॥१०॥ णिग्गंथस्स णं नव-डहर-तरुणस्य आयरियउवज्झाए वीसभेज्जा नो से कप्पइ अणायरियउवज्झायत्ताए होत्तए, कप्पइ से पुच् आयरियं उदिसावेत्ता तओ पच्छा उव ज्झायं, से किमाहु भंते ! दुसंगहिए समणे णिग्गंथे तंजहा आयरिएण उवज्झाएण य ॥११॥ णिग्गंथीए णं नव डहर-तरुणीए आयरियउवज्झाए वीसंभेज्जा नो से कप्पइ अणायरियउवज्जायत्ताए होत्तए, कप्पइ से पुव्वं आयरियं उदिसावेत्ता तओ उवज्झायं, तो पच्छा पवित्तिणि, से किमाहु भंते ! तिसंगहिया समणी निग्गंथी तंजहा-आयरिएणं उवज्झाएणं पवित्तिणीए य ॥१२॥ भिक्खु य गणामो अवकम्म मेहुणं पडिसेवेज्जा तिणि संवच्छराणि तस्स तप्पत्तियं नो कप्पइ आयरियत्तं वा जाव गणावच्छेयगत्तं वा उदिसित्तए वा धारित्तए वा, विहि संवच्छरेहिं वीइतेहिं चउत्थगंसि संवच्छरंसि पट्ठियंसि ठियस्स उवसंतस्स उवरयस्स पडिविरयस्स णिविगारस्स, एवं से कप्पई आयरियत्तं वा जाव गणावच्छेयगत्तं वा उद्दिसित्तए वा धारित्तए वा ॥१३॥ गणावच्छेयए गणावच्छेयगत्तं अणिक्खिवित्ता मेहुणधम्म पडिसेवेज्जा जावज्जी वाए तस्स तप्पत्तियं नो कप्पइ आयरियत्तं वा जाव गणावच्छेयगत्तं वा उदिसित्तए वा धारित्तए वा ॥१४॥
SR No.009358
Book TitleVyavaharasutram evam Bruhatkalpsutram
Original Sutra AuthorN/A
AuthorGhasilal Maharaj
PublisherA B Shwetambar Sthanakwasi Jain Shastroddhar Samiti
Publication Year1969
Total Pages536
LanguageHindi, Sanskrit
ClassificationBook_Devnagari, agam_bruhatkalpa, & agam_vyavahara
File Size32 MB
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