SearchBrowseAboutContactDonate
Page Preview
Page 116
Loading...
Download File
Download File
Page Text
________________ ७० % 3D . .: राजप्रश्नोयसूत्रे 'लएणं से' इत्यादिटीका-एतत्वस्थपदानो व्याख्या पूर्वगना, अतइदं व्याख्यातपायमिति।म.११०॥ मूलम्---तएणं से केसिकुमारसमणे चित्तस्स सारहिस्स तीसे महमहालयाए परिसाए चाउज्जामं धम्म परिकहेइ, तं जहासवाओ पाणोइवायाओ बेरमणं, सव्वाओ मुसावायाओ वेरमणं, सव्वाओ आदिन्नादाणाओ वेरमणं, सव्वओ बहिद्धादाणाओ वेश्मणं तएणं सा महइमहालिया परिसा केसिम्स कुमारसमणस्स अंतिए धम्म सोचा निलम्म जामेव दिसि पाउन्भूया तामेव दिसिं पडिगया।सू.१११॥ - छाया--ततः खलु स केशिकुमारश्रमणः चित्राय सारथये तस्यां महातिमहालयायां परिषदि चातुर्याम धर्म परि कथयति, तद्यथा-सर्वस्मात् प्रागातिपाताद् विरमणम् ?, सर्व स्मात् मृपावादाद् विरमणम्२, सर्व स्मात् अदत्तादानाद् विरमणम् ३, सर्वस्माद्बहिरादानाद विरमणम४। ततः खलु सा महातिम 'तएणं से केसिकुमारसमणे' इत्यादि। . सूत्रार्थ-(तएणं से के सिकुमारसमणे). इसके बाद (के सिकुमारसमणे) के शिकुमार श्रमणने (वित्तस्स सारहिस्स) चित्र सारथि के लिये .... (तोसे महहमहालयाए) उस अति विशाल (परिसाए) परिपदा में (चाउ जाम धम्म परिकहेइ) चातुर्याम धर्म का (परिकहेइ) प्ररूपण किया-उपदेश दिया (तं जहा-सबओ पाणाइवायायो वेरमण, सवओमुसाबायाओ वेरमण', सधओ' आदिन्नादाणाओ. वेरमण, सच ओ वहिद्वादाणाओ वेरमण) वे चातुर्याम ये हैं-१ समस्त प्राणातिपात से विरक्त (निवृत्त) होना, २ . . 'तएण से केसिकुमारसमागे' इत्यादि । सूत्रार्थ:-(तरण से के सिकुमारसमणे) त्या२. ५छ। शिभा२ अभले (चित्तस्स सारहिस्स) यि साथि भाट (ती से महइमहालयाए) ते ति dिan (परिसाए) प२ि५हामi (चाउज्जाम धम्म परिकहेइ) यातुर्याम धमनी (परिकहेइ) प्र३५।। ४३. मेरो पहेश यो. (त जहा सव्वाओ पाणाइंवायाओ बेरमण, सव्वाओ, मुसावायाओ देरमण, सवाओ आदिन्नादाणाओ रमण, मत्वाओ वहिद्धादाणागो बेरमण) यातुर्याम धनी विशेष वित -AL प्रभाव.. छ-(१) समस्त प्राणातिपातथा वि२४त (निवृत्त) २. (२) सभरत भूषापाथी १२
SR No.009343
Book TitleRajprashniya Sutra Part 02
Original Sutra AuthorN/A
AuthorGhasilal Maharaj
PublisherA B Shwetambar Sthanakwasi Jain Shastroddhar Samiti
Publication Year1966
Total Pages499
LanguageHindi, Sanskrit
ClassificationBook_Devnagari & agam_rajprashniya
File Size36 MB
Copyright © Jain Education International. All rights reserved. | Privacy Policy