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________________ ३९० राजमनीगम: शङ्खाङ्ककुन्दद 6 रजोऽमृतमर्थित फेनपुञ्जसन्निकाशानि सर्वरत्नमयानि अच्छानि यावत् प्रतिरूपाणि । तेषां खलु तोरणानां पुरतः द्वौ हौ तैलसपुद्गो कोष्ठसमुद्गौ पत्र समुद्गौ चोयकसमुद्गौतसमुद्गौ पलासमुद्गौ हरितालसमुद्गौ हिsage मनःशिलासमुद्गौ अञ्जनसमुद्गौ सर्वरत्नमयो अच्छी यावत् प्रतिरूपों ॥ मु० ६० ॥ दीबालाओ ) इस पद द्वारा मकट को गई हैं. (संवकुं दद्गरययमयमहियण पुंजसंनिगासाओ) ये सब चामर शेख, अंक, कुन्द, दकरज एवं मथित अमृतफेनपुब्ज के जैसे शुभ्रवर्णवाले हैं (सव्वरयणामयाओ अच्छाओ जाव पडिवाओं ) तथा सर्वण रजतमय है एवं अच्छ-निर्मल यावत् प्रतिरूप है। (तेसि णं तोरणाणं पुरओ दो दो तेलसमुग्गा को समुग्गा पत्तसमुग्गा चोयगसमुग्गा तगरसमुग्गा एलासमुग्गा हरियालसमुग्गा, हिंगुयसमा मोमिलालसुग्गा, अजणससुग्गा, सन्चरयणानया अच्छा जाव पडिया) इन तोरणों के आगे दो दो तैलसमुद्ग - सुगंधितैल से पूर्ण संपुट, दो दो कोष्ठ समुद्ग दो दो पत्र समुद्ग, दो दो चोयक समु द्ग, दो दो तगरममुद्ग. दो दो एला- (एलची) समुगद्, दो दो हरिताल दो दो हिंगलमुगद्, दो दो मनःशिला समुद्ग और दो दो अजन समुद्ग कहे गये हैं। ये सब समुद्ग सर्वथा रत्नमय हैं यावत् निर्मल है प्रतिरूप हैं । छ. गा વાત (मुहुमरदीहवाळाओ) या पहवडे अउट १२वामां भावी है. (लेखककु ददगरययमयमहिय फेणपुंज संनिगासाओ) આ સ यभरोशाम, અંક, કુંદ, દકરજ અને મર્થિત અમૃત ફૈન પુજ જેવાં શુભ્ર (શ્વેતા) વણુ વાળા છે. (मरणमयाओ अच्छाओ जान पडिनाओ ) तभ सर्वथा રજતમય છે ने छ निर्माण यांवर्त प्रतिय छे. (नेसि णं तोरणाणं पुरओ दो दो तेल्लससुग्गा कोहसमुग्गा पत्तसमुग्गा, चोयगममुग्गा तगरसमुरगा एलासमुग्गा हरियालसमुग्गा, हिंगुलयसमुग्गा मणोसिलासमुग्गा अंजणसमुग्गा, सच्चरणामचा, अच्छा जान पडिवा) भा મવા તારણાની સામે અખે તેલ સમુદ્રા—સુવાસિત તૈલથી ભરેલા સંપુટા, અબ્બે કેષ્ઠ સમુદ્ગા, ખએ પત્ર સમુદ્ગા, મખ્ખું ચેાયક સમુદ્રગા, ખમ્બે તગર સમુગા બબ્બે હિરતાલ સમુદ્રા મમ્મે એલા (એલચી) સમુદ્ગા, ખજ્જે મનઃશિલા સમુદ્ગા અને ખખ્ખુ જન સમુદ્રા કહેવાય છે. આ બધા સમુ સર્વથા રત્નમય છે, નિર્મળ છે, ચાવતુ પ્રતિરૂપ છે.
SR No.009342
Book TitleRajprashniya Sutra Part 01
Original Sutra AuthorN/A
AuthorGhasilal Maharaj
PublisherA B Shwetambar Sthanakwasi Jain Shastroddhar Samiti
Publication Year1965
Total Pages721
LanguageHindi, Sanskrit
ClassificationBook_Devnagari & agam_rajprashniya
File Size55 MB
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