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________________ मापनासूत्रे पञ्चेन्द्रियतिर्यग्योनिकानां पृच्छा, गौतम ! त्रयोदशविधः प्रयोगः प्रज्ञप्तः, तद्यथा-सत्यमनः प्रयोगः, मृपामनःप्रयोगः, सत्यपामनःप्रयोगः, असत्यामृषामनः प्रयोगः, एवं वचः प्रयोगोऽपि, औदारिकशरीरकायप्रयोगः, औदारिकमिश्रशरीरकायप्रयोगः, वैक्रियशरीरकायप्रयोगः, बैंक्रियमिश्रशरीरकायप्रयोगः, कार्मणशरीरकायप्रयोगः, मनुष्याणां पृच्छा, गौतम ! पञ्चदश विधः प्रयोगः प्रज्ञा स्तबथा-सत्यमनाप्रयोगो यावत् कार्मणशरीरकायप्रयोगः, वानव्यन्तर'प्रकार (अलच्चामोसदइप्पओगे) असत्यामृषावचनप्रयोग (ओरालियसरीरकायपओगे) औदारिकशरीरकायप्रयोग (ओरालियमीलसरीरकायप्पओगे) औदा. रिकमिशरीरकायप्रयोग (कम्मासरीरकायप्पओगे)कार्मणशरीरकायप्रयोग (एवं जाव चरिदियार्ण) इसी प्रकार यावत् चौइन्द्रियों का (चिंदियतिरिय खजोणियाणं पुच्छा ?) पंचेन्द्रिय तिर्यचों संबंधी पृच्छा? (गोयमा ! तेरसविहे पओगे पण्णत्ते) हे गौतम ! तेरह प्रकार का प्रयोग कहा है .(तं जहा) बह इस प्रकार (सच्चमणप्पओगे) सत्यमनः प्रयोग (मोसेमणप्पओगे) मायामनः प्रयोग (सच्चमोसमणप्पओगे) सत्यषामनः प्रयोग (अलच्चामोसमजपओगे) असत्यामृषामनः प्रयोग (एवं वइप्पओगेवि) इसी प्रकार वचनप्रयोग भी (ओरालिसरीरकायप्पओगे) औदारिकशरीरकायप्रयोग (ओरालियमीसस. रीरसायप्पओगे) औदारिकनिशरीरकायप्रयोग (वेउब्वियसरीरकायप्पओगे) वैक्रियशरीरकायप्रयोग (वेउश्चियमीससरीरकाचप्पओगे) वैक्रियमिश्रशरीरकाय-- प्रयोग (कम्सासरीरकायप्पओगे) कर्मणशरीरकायप्रयोग __(मयमाणं पुच्छा ?) मनुष्यों के विषय में पृच्छा ? (गोयमा ! पण्णरसविहे जी!! २ २ प्रयोग हा छ ? (तं जहा ) ते २॥ ( असच्चामोसवइ पभोग ) मसत्या पायनयोग (ओरालियसरीरकायप्पओगे) मोहरि भि AN२४य प्रयोग (कम्मामरीर कायापओगे) ! शरी२ ४यप्रयोग (एवं जाव चतुरिदियाणं ) । પ્રકારે યાવત્ ચતુરિન્દ્રિયોને (पचिरितिरिक्सनोणियाण पुन्छा १) यन्द्रिय तिय य समन्धी छ ? (गोरमा! रसविहे. पबोगे पण्णने ) गौतम ! ते२ •ान प्रयोग ४ा छ ? (तं जहा) तमा २ ( यच्चनणरोगे ) सत्य भनः प्रयोग (मोसमणप्पओगे) भृषा मनः प्रयास (मन्चागोसमारोगे) सत्य ॥ मन' प्रयोग ( असच्चामोसमणप्पओगे) असत्या भूषा मनः प्रयोग (एवं वाओगे वि) मेरी प्रशारे परान प्रयोn ५९! (ओरालियसरीरकाय. पने ही शे२ ४५ प्रय14 (ओरालियमीससरीरहायपओगे) हरि मिश्र शश२ ४१५ प्ररे ( वेववियसरीरकायापओगे) यि मिशन 1य प्रयोग (फम्मामोग) भन १२ ४.५ प्रयोग) (मनानं पुन्टा ? ) मनुष्याना विषयमा छ। १ (गोगमा ! पण्णरसविहे पओगे
SR No.009340
Book TitlePragnapanasutram Part 03
Original Sutra AuthorN/A
AuthorGhasilal Maharaj
PublisherA B Shwetambar Sthanakwasi Jain Shastroddhar Samiti
Publication Year1977
Total Pages881
LanguageHindi, Sanskrit
ClassificationBook_Devnagari & agam_pragyapana
File Size64 MB
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