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________________ प्रमेयबोधिनी टीका पद ११ २० ४ वचनविशेवनिरूपणम् स्त्याज्ञापनी, आप इति पुमाज्ञापनी धान्यमिति नपुंसकाज्ञापनी प्रज्ञापनी खल एपा भाषा, नैषा भापा मृपा, अथ भदन्त ! पृथिवी इति स्त्रीप्रज्ञापनी आप इति पुप्रज्ञापनी, धान्यमिति नपुंसकप्रज्ञापनी आराधनी खलु एपा भाषा नैपा भाषा मृषा ? हन्त, गौतम ! पृथिवी इति स्त्रीप्रज्ञापनी, आप इति पुंप्रज्ञापनी, धान्यमिति नपुसकप्रज्ञापनी आराधनी खलु एषा भाषा, नैमा भापा मृपा, इत्येवं भदन्त ! स्त्रीवचनं वा पुवचनं वा नपुसकवचनं या ब्रुवाणा प्रज्ञापनी खलु एपा भाषा, नैषा भापा मृषा ? हन्त, गौतम ! स्त्रीवचनं वा, पुं वचनं वा नपुंसकवचनं वा ब्रुवाणा प्रज्ञापनी खलु एपा भाषा नैषा भाषा मृषा ॥ सू० ४॥ पण्णवणी) धान्य यह नपुंसक-प्रज्ञापनी (आराहणी णं एसा भाला ?) यह भाषा आराधनी है ? (ण एसा भासा मोला ?) यह भाषा भूषा नहीं है ? (हंता) हां (गोयमा !) हे गौतम ! (पुढचीति इत्थि पण्णवणी) पृथ्वी यह स्त्री प्रज्ञापनी (आउत्ति पुम्मपण्णवणी) आपः यह पुरुष प्रज्ञापनी (धण्णेत्ति नपुंसगपण्णवणी) धान्य यह नपुंसक प्रज्ञापनी (आराहणी णं एसा भासा) यह भाषा आराधनी 'है (न एसा भासा सोला) यह भाषा मृषा नहीं है (इच्चेव) इस प्रकार (भंते!) हे भगवन् ! इथिवयणं वा) स्त्रीवचन-स्त्रीलिंग (पुमवयणं वा) अथवा पुरुषवचन-पुलिंग (नपुंसगवयणं वा) अथवा नपुंसकवचन-नपुंसकलिंग (वयमाणे) योलता हुआ (पण्णवणीणं एसा भासा) यह भाषा प्रज्ञापनी है ? (ण एस्सा भासा मोसा ?) यह भाषा भृषा नहीं है ? (हंता गोयमा!) हां गौतम ! (इत्थिवयणं वा, पुमवयणं वा, णपुंसगवयणं वा) स्त्रीवचन, पुरुषवचन या नपुसक वचन (वयमाणे) बोलता हआ (पण्णवणो णं एसा भासा) यह भाषा प्रज्ञापनी है (ण एसा भासो मोसा) यह भाषा वृषा नहीं है। टीकार्थ-अब श्री गोतमस्वामी एकवचन आदि से विशिष्ट भाषा संबंधी से नस४ प्रज्ञापनी (आराहणीणं एसा भासो ?) - साषा माराधनी छ ? (ण एसा भासा मोसा ?) मा भाषा भृषा नथी ? (हंता) । (गोयमा !) गौतम ! (पुढवीत्ति इत्थि पण्णवणी) पृथ्वीस स्त्री प्रज्ञापनी (आउत्ति पुम पण्णवणी) २५. से ५३५ प्रज्ञापनी (धण्णेत्ति णपुंसगपण्णवणी) धान्य से नस४ प्रज्ञापनी (आराहणीणं एसा भासा) 20 ला! २।२राधनी छ (न एसा भासा मोसा) २५ लाषा भृषा नथी (इच्चेवं) से प्रारे (भंते !) मापन (इत्थि वयणं वा) स्त्री चयन नीति (पुमवयणं वा) अथवा पु३५वयन-yle (वयमाणे) मेसतो (पण्णवणीण एसा भासा) मा माषा प्रज्ञापनी छे ? (ण एसा भासा मोसा) मा भाषा भूषा नथी ? (हंता गोयमो !) है। गौतम ! (इस्थिवयणं वा, पुमवयणं वा, णपुंसगवयणं वा) स्त्रीवयन, पु३५वयन, अगर नधुपयन (वयमाणे) मोटी २२स (पण्णवणी एसा भासा) मा भाषा प्रज्ञापनी छे (ण एसा भासा मोसा) ॥ साषा भूषा नथी ટીકાર્થ- હવે ગૌતમસ્વામી એકવચન આદિથી વિશિષ્ટ ભાષા સમબધી સંદેહનું
SR No.009340
Book TitlePragnapanasutram Part 03
Original Sutra AuthorN/A
AuthorGhasilal Maharaj
PublisherA B Shwetambar Sthanakwasi Jain Shastroddhar Samiti
Publication Year1977
Total Pages881
LanguageHindi, Sanskrit
ClassificationBook_Devnagari & agam_pragyapana
File Size64 MB
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