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________________ ३२२ जोषाभिगमसूत्रे १ मनुकुर्वन्ति, 'अप्पेगइया देवा हयहेसियं करेंति, हत्थिगुलगुलाइयं करेंति, रहघणघणाइयं करेंति'. अपि केचन एककादेवा: हयहेपितादीनि त्रीन्यपि शब्दान् कुर्वन्तीत्यर्थः । ' अप्पेगइया देवा उच्छोलेंति' अप्येकका देवा उच्छलन्ति ऊर्ध्वमारोहन्ते 'अप्पेगइया देवा पञ्चोलेंति' अप्येकका देवा प्रच्छलन्ति - भूक्षेपं कुर्वन्ति, 'अप्पेगझ्या देवा उक्किडिओ करेंति' अप्येकका देवा उत्कृष्टीः कुर्वन्ति, 'अप्पेगइया उच्छोलेंति - पच्छोलेंति - उक्किट्टिओ करेंति' अपि केचन देवाः उच्छलन्ति प्रच्छलन्ति उत्कृष्टीः कुर्वन्ति, 'अप्पेगइया देवा सीहणादं करेंति' अप्येककाः केचन देवाः सिंहनादं कुर्वन्ति - सिंहस्य घनानुकारि नदन्ति, 'अप्पेगइया देवा पाददद्दरयं करें ति' अप्येकका देवाः पाददर्दरकं भूमौपादाघातं कुर्वन्ति, 'अप्पेगइया देवा भूमिच वेडं दलयंति' अप्येकका देवा भूमौ चपेटां हस्ततलेन ताडनं दलयन्ति कुर्वन्ति इति । 'अप्पेगइया देवा सीहणादं पाददद्दरयं जैसा अव्यक्त शब्द होता है, वैसे शब्द का उच्चारण किया 'अप्पेगइया देवा उच्छोलेंति' कितनेक देव उस समय हर्ष के मारे ऊपर उछलनेलगे 'अप्पेगइया देवा पच्छोलेति' कितनेक देव उस समय दृष्टि मटकाने लगे 'अप्पेगइया देवा उक्किडिओ करे ति' कितनेकदेवों ने एक दूसरे देव को अपनी गोदी में भरलिया 'अप्पेगइया देवा उच्छोलेंति, पच्छोले ति उक्किडिओ करेंति' कितने देव उस समय ऊपर भी उछले आखों को भी टकाने लगे और एक दूसरे को हाथों में भरकर गोद में भी बैठाने लगे 'अप्पेगइया देवा सीहणादं करेति' कितनेकदेवों ने उससमय सिंहनाद किया सिंह के जैसा मेघों की गर्जनाको अनुकरण करनेवाला शब्द किया 'अप्पेगइया देवा पाददद्दरयं करें ति, अप्पेगइयादेवा भूमिचवेडं दलयंति' कितनेक देवों ने उस समय जोर जोर से जनीन पर दोनों पैरों को पटका कितनेकदेवों ने उस समय એ સમયે રથ ચલાવવાથી જેવા અવ્યક્ત શબ્દ થાય છે. એવા પ્રકારના શબ્દનું उभ्या 'अ'पेगइया देवा उच्छोलेति' डेटा देवे। ते समये हर्षने सधने उपर उछजवा साग्या. 'अपेगइया देवा पच्छोले ति' डेटला हेवेो ये सभये गाणी भटाववा साग्या. 'अपेगइया देवा उक्किट्टिओ करेंति' डेंटला देवेाये ये गीन्न हेयाने पोतानी मथमां सभावी सीधा 'आपेगइया उच्छोले ति पच्छोले ति उक्किट्ठिओ करेंति' ेटसा देवेो मे सभये उपर पशु उछाया सांचो पशु મટકાવવા લાગ્યા અને એક બીજાને બથ ભરી ભરીને પોતાની ગેાઢમાં એસાउवा साग्या. 'अपेगइया देवा सीहणादं करे ति” डेटला हेवा मे समये सिड નાદ કર્યાં અર્થાત્ સિંહના જેવા મેઘાની ગર્જનાનુ અનુકરણ કરવાવાળા શબ્દો र्या, अपेगइया देवा पाददद्दरयं करें ति अप्पेगइया देवा भूमिचवेड दलयंति' डेंटलाई
SR No.009337
Book TitleJivajivabhigamsutra Part 03
Original Sutra AuthorN/A
AuthorGhasilal Maharaj
PublisherA B Shwetambar Sthanakwasi Jain Shastroddhar Samiti
Publication Year1974
Total Pages1588
LanguageHindi, Sanskrit
ClassificationBook_Devnagari & agam_jivajivabhigam
File Size117 MB
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