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________________ ५६४ औपपातिकको जित्तए, तं मा णं अम्हे इयाणि आवइकालं पि अदिण्णं गिण्हामो, अदिण्णं साइजामो, मा णं अम्हं तवलोवे भविस्सइ। तं सेयं खल्ल अम्हं देवाणुप्पिया। तिदंडं, कुंडियाओ य, कंचसमयेऽपि 'अदिण्ण गिण्डामो' अदत गृहणीम =अदत्तमुद्रफ न स्वीकुर्म , 'अदिण्ण साइजामो' अदत्त स्वादयाम =अदत्तं जल मा स्वादयाम हुरयन्वय , 'मा णं अम्ह तवलोवे भविस्सइ' मा खलु अस्मारु तपोलोपो भविष्यति, अदत्तस्यामहणेऽनास्वादने चास्माक्र तपोलोपो न भविष्यतीत्यर्थ । 'त सेय खलु जम्हं देवाणुप्पिया!' तत्= तस्मात् श्रेय खलु अस्माक है देवानुप्रिया ! 'तिदडय' निदण्डक 'कुडियाओ य' कुण्डिकाचकमण्डलन् , 'कचणियाओ य' काञ्चनिकाच रद्राक्षमालिका , 'करोडियाओं अम्हं तवलोवे भविस्सइ) तथा हम सन लोगों का यह भी दृढ निश्चय है कि आगामी काल में भी हम सब विना दिया हुआ जल न ग्रहण करे और न उसे पियें, क्यों कि इस प्रकार के आचरण से हमारी तपस्या का लोप हो जायगा, अत वह भी सुरक्षित रहे इस अभिप्राय से हममें से किसी को भी अदत्त जल ग्रहण नहीं करना चाहिये और न उसे पीना ही चाहिये। (त सेय खलु अम्ह देवाणुप्पिया तिदड कुडियाओ य, कचणियाओ य, करोडियाओ य, भिसियाओ य, छण्णालए य, अकुमए य, केसरियाओ य, पवि तए य, गणेत्तियाओ य, छत्तए य, वाहणाओ य, पाउयाओ य, धाउरत्ताओ य, एगते एडित्ता गग महानइ ओगाहित्ता) इसलिये हे देवानुप्रियो ! अब हम सन की भलाई इसी में है कि हम सब निदण्डों को, कमण्डलुओं को, रद्राक्ष की मालाओं को, करोटिकाभोंण अम्ह तवलोवे भविस्सइ) तथा मापारी दृढनिश्चयी जाये 3 भविष्यमा પણ દીધેલુ ન હોય એવું જલ ગ્રહણ કરવું નહિ અને પીવું નહિ, કેમકે એ પ્રકારના આચરણથી આપણી તપસ્યાનો લોપ થઈ જશે માટે તે સુરક્ષિત રહે એવા અભિપ્રાયથી આપણુમાના કોઈએ પણ અદત્ત જલ अडए न ४२७ मध्ये मन त पा ५ न ये (त सेय सलु अम्ह देवाणुप्पिया! तिदड, कुडियाओ य, कचणियाओ य, करोडियाओ य, केसरियाओ य, पवित्तए य, गणेत्तियाओ य, छत्तए य, वाहणाओ य, पाउयाओ य: धाउरत्ताओ य एगते एडित्ता गग महानइ ओगाहित्ता) थे भाटे हवानुप्रिय।। 8३ આપણી ભલાઈ એમાં જ છે કે આપણે ત્રિદ છેને, મ ડલુઓને, રૂદ્રાક્ષની +- -
SR No.009334
Book TitleAuppatiksutram
Original Sutra AuthorN/A
AuthorGhasilal Maharaj
PublisherA B Shwetambar Sthanakwasi Jain Shastroddhar Samiti
Publication Year1959
Total Pages868
LanguageHindi, Sanskrit
ClassificationBook_Devnagari & agam_aupapatik
File Size26 MB
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