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________________ श्री अनुत्तरोपपातिकदशासूत्रे 'अड्ढा जाव अपरिभूया,' इति 'अड्डा' इत्यारभ्य 'अपरिभूया' इत्येतत्पर्य तोक्तसमस्तविशेषणविशिष्टेत्यर्थः तेन 'अड्ढा दित्ता वित्थणविलवणसयणासणजाणवारणाइष्णा, बहुधणवहुजायस्वरयया, आभोगपभोगसंपत्ता, विच्छुट्टियविरलमत्तपाणा, बहुदासीदासगोमहिसगवेळयापभूया, बहुजणरस अपरिभूया इति पाठस्य सग्रहः । ५२ तत्र आढया महती, धनधान्यादिसंपन्ना वा । दीप्ता=सदाचारगुणैज्ज्वला, दर्पिता धर्मगौरवगर्विता वा । विस्तीर्णविपुल वनशयनासनवाहनामै-उन विक्रय पदार्थो को कहते हैं जो चली गज, बार, हाथ अथवा किसी माप - विशेष के द्वारा माप कर दिये जाते हों, जैसेदूध, घी, तेल, वस्त्र आदि । परिच्छेद्य-उन विक्रय पदार्थों को करते है जो प्रत्यक्ष रूपसे कसौटी अथवा अन्य किन्हीं उपायों द्वारा परीक्षा करके दिये लिये जाते हो; जैसे- माणिक, मोती, मूंगा सोना आदि । 'अड्ढा जाव अपरिभूया' - 'अदा' शब्द से लेकर 'अपरिभूया' पर्यन्त समस्त विशेषण पदका निम्न अर्थ है अडढा-आल्या अपार धन धान्यसे सम्पन्न, दित्ता = दीप्ता-शील, सदाचार आदि गुणोंसे प्रकाशित, दित्ता=दर्पिता धर्म गौरव से गर्वित, अर्थात् वह भद्रा सार्थवाही अत्यधिक धनधान्यसम्पन्न, शील-सदाचाररूपी गुणोंसे प्रकाशित तथा अपने गौरव से युक्त थी। उसके विस्तृत अनेक भवन, पलंग, शय्या, सिंहासन, चौकी आदि, यान- गाडी, 'मे' - ते विडेय पहार्थाने हे हे हे, पणी, गर, वार, हाथ अथवा अध भाप विशेषद्वारा भाषी शाय, प्रेम-दूध, घी, तेल, वस्त्र, हि 'परिच्छेद्य' - ते पढार्थाने ने प्रत्यये सोटी अथवा अन्य अध उपायोद्वारा परीक्षा उरी देवाय, अथवा सेवाय, भ-भाजेड, भोती, भुगा, सोनु, माहि. 'अड्ढा जाव अपरिभूया' 'भी' शण्डथी म 'अयरिलूया' पर्यन्त समस्त વિશેષણ પદ્માના નીચે પ્રમાણે અર્થ છે 'अड्ढा'' - चार धन-धान्यथी अभ्यन्न, 'दित्ता' - दीप्ता, शीस सहायार माहि शुशोथी प्राशित, 'दित्ता' दर्चिता-धर्म- गौरवथी गर्वित अर्थात् ते लद्रा सार्थवाही ઘણાં ધન ધાન્યથી સમ્પન્ન, શીલ–સદાચાર રૂપી ગુણાથી પ્રકાશિત તથા પેાતાના ગૌરવથી युडत हुती. तेने विस्तृत अनेड लवन, योग, शय्यो, सिंहासन, पारसा माहि, मान
SR No.009333
Book TitleAnuttaropapatik Sutram
Original Sutra AuthorN/A
AuthorGhasilal Maharaj
PublisherA B Shwetambar Sthanakwasi Jain Shastroddhar Samiti
Publication Year1959
Total Pages228
LanguageHindi, Sanskrit
ClassificationBook_Devnagari & agam_anuttaropapatikdasha
File Size13 MB
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