SearchBrowseAboutContactDonate
Page Preview
Page 1136
Loading...
Download File
Download File
Page Text
________________ ७९५ अज्जा पुप्फचूलाए अज्जाए एयम नो आवाइ जाव तुसिणीया संचिटइ, तएणं ताओ पुप्फचूलाओ अज्जाओ कालि अजमभिक्खण२ हीति जिंदति खिसंति गरिहंति अवमण्णंति अभिक्खण२ एयम निवारेंति, तएणं तीसे कालीए अजाए सम णीहि णिग्गंथीहिं अभिक्खणं हीलिज्जमाणीए जाव वारिज्ज माणिए इमेयारूवे अज्झस्थिए जाव समुप्पन्नित्था जया णं अह अगारवासमझे वसित्था तया णं अह सयवसा जप्पि भिई च णं अह मुंडा भवित्ता अगाराओ अणगारिय पवइया तप्पभिई च णं अहं परवसा जाया, त सेयं खल्ल मम कल्लं पाउप्पभायाए रयणीए जाव जलते पाडिका उवस्सय उवसप ज्जित्ताणं विहरित्तएत्तिकह एव सपेहेइ सपेहिता कल्ल जाव जळते पाडिएकं उवस्तयं गिण्हइ, तत्थणं साअणिवारिया अणोहटिया सच्छदमई अभिक्खणंर हत्थे धोवइ जाव आसयइ वा सयइ वा, णीसेहेइ वा, तएण सा काली अज्जा पासत्था पासस्थविहारी ओसण्णा ओसण्णविहारी कुसीला कुसीलविहारी अहाछदाअहाछंदविहारी संसत्ता ससत्तविहारी बदणि वासाणि सामनपरियागं पाउणइ पाउणित्ताअद्धमसियाए सलेहणाएअत्ताण झुसेइ यूसित्ता तीसंभत्ताइ अणसणाए छेएइ छेइत्सा तस्स ठाणस्स अगालोइय अपडिकता कालमासे काल किच्चा चमरचपाए रायहाणीए कालवडिसए भवणेउववायसभाएदेवसणिज्जसिदेवदूसतरिए अगुलस्सअसखेज्जइ भागमेत्ताए ओगाहणाए काली वण्णा ,
SR No.009330
Book TitleGnatadharmkathanga Sutram Part 03
Original Sutra AuthorN/A
AuthorGhasilal Maharaj
PublisherA B Shwetambar Sthanakwasi Jain Shastroddhar Samiti
Publication Year1963
Total Pages1222
LanguageHindi, Sanskrit
ClassificationBook_Devnagari & agam_gyatadharmkatha
File Size48 MB
Copyright © Jain Education International. All rights reserved. | Privacy Policy