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________________ অনলনামূদবি । গ) ও ৭ যানাবিস নাম १ धनपालः, २ धनदेव, ३ धनगोपः, धनरक्षितश्चेति । तस्य खलु धन्यसार्थवाह स्य चतुर्गा पुत्राणा मार्याश्चतस्र स्नुपाः-पुत्रवध बभूवुः तद्यथा- १ उज्झित्ता, २ भोगवतिका, ३ रक्षिता, ४ रोहिणिकाच. ॥ मू १॥ मूलम्-तएणं तस्त धण्णस्त अन्नया कयाइ पुवरत्तावरत्तकालसमयसि इमेयारूवे अज्झथिए जाव समुप्पज्जित्था एव खलु अह रायगिहे वहण ईसर जाव पविभईणं सयस्त कुडुवस्स वहसु कज्जेसु य कारणेसु य कुडुवेतु य मतेसु य गुज्झेसुय रहस्सेसुय निच्छएसुय ववहारे सुय आपुच्छणिज्जे पडिपुच्छणिज्जे मेढीपमाणे आहारे आलंबणे चक्खुमेढीभूए जाव सव्व कज्जवड्ढावए तणणजइ जमए गयसि वा चुयसि वा मसि वा भग्गसि वा लुग्गसि वा सडियसि वा पडियासि वा विदेसत्थं सि वा विप्पवासियसि वा इम्मस्त कुटुंबस्स कि मन्ने आहारे वा हुए चार सार्थवाह दारक-पुत्र-थे (त जहा ) उनके नाम ये हैं-(धणपाले, धणदेवे वणगोवे धणरक्खिए) धनपाल, वनदेव, धनगोप, धन रक्षित (तस्स ण धण्णस्त सत्यवाहस्स चऊण्ह पुत्ताग भारियाओ चत्तारि सुण्डाभो होत्या) उस धन्य सार्थवाह को उन चारपुत्रो की भार्याएँ पुन वधुए-थी (तजहा-अज्झिया, भोगवइया, रक्खड्या, रोहिणिया) धन पालपुत्र की भार्या उज्झिताथी १ वनदेवकी भार्याभोगवतिका थी २,धन गोपकी भार्यारक्षिताधी ३, धनरक्षित की भार्या रोरिणिकारी४ ॥सू०१॥ ( त जहा ) तमना नामे मा प्रमाणे छ-(धणपाले धणदेवे धणगोवे धणरस्सि ५) नाण, धन, धना५ मन धनक्षित ( तस्मण धण्णस्स सत्थवा हरस च उण्ड पुत्ताण भारियाओ चत्तारि सुण्क्षाओ होत्था ) पन्य साथ पालना मा यारे पुत्राने माया लती (त जहा उझिया भोगवइया, रस्सइया, रोहिणिया) पनपानी मार्या Glril ती १, धनवनी सार्या सोगवति! હતી, ૨, ધનગોપની ભાર્યા રક્ષિતા હતી ૩, ધનગક્ષિતની ભાર્યા હિણિકા ती x. ॥ भूत्र १ ॥
SR No.009329
Book TitleGnatadharmkathanga Sutram Part 02
Original Sutra AuthorN/A
AuthorGhasilal Maharaj
PublisherA B Shwetambar Sthanakwasi Jain Shastroddhar Samiti
Publication Year1963
Total Pages1120
LanguageHindi, Sanskrit
ClassificationBook_Devnagari & agam_gyatadharmkatha
File Size34 MB
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