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________________ भगवती स्तोकानामेको लवा, “एवं मुहुत्तेवि' एवं मुहत्तोऽपि-सप्तसप्ततिलवानामेको मुहर्स: 'एवं अहोरत्ते' एक्सहोरात्रम्-त्रिंशन्सुहूर्त्तम् । 'एवं पक्खे' एवं पक्षः, एतेषां स्वरूपमनुयोगद्वारे द्रष्टव्यम् 'मासे' मासः, 'उऊ' ऋतु द्विमासात्मको निदाघादि वसन्तान्तः, 'अयणे' अपनं पण्मासात्मकस्, 'संवच्छरे' संवत्सरः-द्वादशमासा स्मका, 'जुगे' युगं-पञ्चसंवत्सरात्मकम् 'वाससए' वर्षशतम् 'वाससहम्से' वर्षसहस्रम् 'वाससयसहस्से' वर्ष शतसहस्रम्-लक्षमित्यर्थः 'पुन्चंगे' पूनिः , 'पुन्चे' पूर्वः . 'तुढियंगे' त्रुष्टिताङ्गः, 'तुडिए' त्रुटितम्, 'अडडंगे' अटटाङ्गः, 'अडढे' अटटा, है-वह भी असंख्यात समयरूप होता है । 'एवं मुहत्ते वि' ७७ लवों का जो एक मुहूर्त होता है वह भी असंख्यात लमयरूप होता है । 'एवं अहारते' तील मुहूर्त का जो एक अहोरात्र होता है वह भी असंख्यात लमय रूप होता है । 'एवं पक्खे' इली प्रकार से एक पक्ष भी असंख्यान समयरूप होता है । इन सबका स्वरूा अनुयोगद्वार में है सो वहां से जान लेना चाहिये । 'मासे' मास 'उज' द्विमासत्सक ऋतुनिदाघ से लेकर बसन्त तक का काल 'अयणे छह मासात्मक काल 'संवच्छरे' द्वादशमासात्मक काल 'जुगे' पांच वर्षात्मक काल 'वाससए' १०० वर्षात्मक काल 'बालसहस्से' एक हजार वर्षात्मक काल 'वाससय. 'सहस्ले' लक्षवर्षात्मक काल 'पुवंगे' एक पूर्वांगरूप काल 'पुब्छ' एक पूर्वरूप काल 'तुडियंगे' एक दिनांगरूप काल 'तुडिए' एक त्रुटितरूप काल 'अडडंगे' एक अटटांगरूप काल 'अडडे' एक अटटरूप काल 'अक्वंगे' २ से १ थाय छ. त ५ असभ्यात समय ३५ उय छे. 'एव मुहुत्ते વિ સતેર લોનું એક મુહૂર્ત થાય છે તે પણ અસંખ્યાત સમયરૂપ હોય છે "एवं अहोरत्तेवि' श्रीस मुहताना मे मारा थाय छ ते ५ मसभ्यान समय ३५ डाय छे. 'एव पक्खा' मे४ मा मे ५६५ भसध्यात સમય રૂપ હોય છેઆ બધાનુ વર્ણન અનુગ દ્વાર સૂત્રમાં વિશેષ રૂપથી ४४स छे. तो ते त्यांथी समल ते 'मासे' महिना 'ऊउ' मे भासनी ऋतु निहायथी न त सँधी न 'अयणे' छ भासतुं मे अयन 'संवच्छरे' सार भास ३५ समय वर्ष 'जुगे' पायवर्षात्म: समय 'वाससए' से बना 'वाससहस्से' को १२ वर्ष ३५ समय 'वाससयसहरसे' alm qष ३५ ४॥ 'पुव्वंगे' 2 पू । ३५ समय 'पुव्वे' मे४ पूर्फ ३५ समय 'तुड़ियंगे' 28 त्रुटित ३५ समय 'तुडिए' गेत्रुटित ३५ ण 'अडडगे' से PATin ३५ । 'अडडे' मे २८८ ३५ ण 'अववंगे' 28 Aqin
SR No.009326
Book TitleBhagwati Sutra Part 16
Original Sutra AuthorN/A
AuthorGhasilal Maharaj
PublisherA B Shwetambar Sthanakwasi Jain Shastroddhar Samiti
Publication Year1972
Total Pages708
LanguageHindi, Sanskrit
ClassificationBook_Devnagari & agam_bhagwati
File Size50 MB
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