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________________ भगवतीपत्रे __ अथ द्वितीयो निम्ब नामको वर्गः प्रारभ्यते ।। प्रथमं तालवर्गव्या पायावसरमाप्तोद्वितीय कास्थितिकवनस्पतिजातीयवर्गभारभ्यते तस्येदमादिमं सूत्रम्-'अह भंते ! निबंध' इत्यादि, मूलम्-अह भंते! निबंब जंबु कोसंब ताल अंकोल्ल पील सेलु सल्लई मोयई मालुय बउल पलास करंज पुत्तंजीवग अरिट्र विहेलग हरिडग भल्लाय उवैभरिय-खीरणी धायईपियालपूइ थिबसण्ह य पासिय सीसव असणपुन्नाग नागरुक्खलीवपणी असोगाणं एएसि जे जीवा मूलत्ताए वक्कमति ते णं जीवा कोहितो उववज्जंति एवं मूलादीया दुस उदेसगा कायठवा निरवसेसं जहा तालवग्गों ॥सू०२॥ ॥ बाधीसइमे सए बीतीओ वग्गो समतो ॥२॥ छाया--अथ भदन्त ! निम्बाम्र जम्बू कोशम्ब ताल अंकोलय पीलु सेलुक सल्लकी मोचकी मालकवकुलपलासकरमपुत्रञ्जीवकारिष्टविभीतकहरीतकी भल्लातक उम्भरिका क्षीरणी धातकी प्रियालपूतिनिम्बसण्हरूपासिकशिशपाऽशनघुनाग वृक्ष श्रीपर्यशोकानाम् एतेषां खलु भदन्त ! ये जीवा मूलतयाऽरक्रामन्ति ते खल्ल जीत्राः कुत उत्पधन्ते एवं मूलादिका दश उद्देशकाः कर्तव्या निवशेष यथा तालवर्गः॥९०१॥ इति द्वाविंशतितमे शतके द्वितीयो वर्गः समाप्तः ॥ निम्ब नामक द्वितीय वर्ग प्रथम तालवर्ग का कथन करके अपनत्रकार अवसर प्राप्त दुसरे धर्म का प्रारंभ करते हैं-'अह भंते ! निबंध' इत्यादि । નિમ્બ નામના બીજા વર્ગને પ્રારંભપહેલા તાલ વર્ગનું કથન કરીને હવે સૂત્રકાર અવસરપ્રાપ્ત આ બીજા पाना प्रारम ४रे छ.-'अह भंते ! निबंब' त्याह
SR No.009324
Book TitleBhagwati Sutra Part 14
Original Sutra AuthorN/A
AuthorGhasilal Maharaj
PublisherA B Shwetambar Sthanakwasi Jain Shastroddhar Samiti
Publication Year1970
Total Pages683
LanguageHindi, Sanskrit
ClassificationBook_Devnagari & agam_bhagwati
File Size42 MB
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