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________________ २८० _भगवती सूत्रे वीजानि फलमध्ये येषां ते बहुवीजका वृक्षाः, ते चास्थिकतिन्दुकबदरकपित्थादयः, तद्विषयकस्तृतीयो वर्गः । 'गुच्छा य' गुच्छाच गुच्छा वृन्ताकी प्रभृतय स्वद्वियो वर्ग चतुर्थः । 'शुम' गुल्माः सिरियक नवमालिकाकोरण्टकादयः, तहिपयको वर्ग: पञ्चमः । 'वल्ली य' वल्ली च वल्ल्यः पूसफली कालिङ्गी तुम्बी मभृतयः, ताः षष्ठे वक्तव्याः, एतद्विषयको वर्गः षष्ठः । ते एते पवर्गाः अस्मिन् शतके 'छदवा एए' षदशवर्गाः दशोद्देशकात्मका एते अनन्तरोक्ताः पवर्गाः । 'सद्धिं पुणहौति उद्देसा' पष्टिः पुनर्भवन्ति उद्देशाः प्रत्येकं वर्गाणां दशदशोद्देशकप्रमाणत्वात् पष्टिरुद्देशका भवन्ति द्वाविंशतिशत के ताकादिकाः पवर्गाः प्रत्ये कत्र मूलकन्दस्कन्धत्व शाखाप्रवालपत्रपुष्पफल नीजनामका दश उद्देशकाः तथा च दशानां षट्संख्यया गुणने पष्टिरुदेशका भवन्तीति गाथार्थः । रूप वर्ग है यह एकास्थिक द्वितीयवर्ग है२, जिनके फलों में बहुत बीज होते हैं वे बहुबीजक वृक्ष हैं जैसे तिन्दुक, कपित्थ आदि इनके सम्बन्ध में जो दश उद्देशकों का समुदायरूप वर्ग है वह बहुबीजक तृतीयवर्ग है ! गुच्छारूप जो बैंगन आदि वनस्पतियां हैं वे गुच्छारूप वनस्पतियां हैं इनके सम्बन्ध में चतुर्थवर्ग है सिरियक, नवमालिका, कोरण्टक आदि के सम्बन्ध में पांचवां वर्ग है, पूसफली, कालिङ्गी तुम्बी आदि के सम्बन्ध में छठा वर्ग है इस प्रकार के ये छहवर्ग इस शतक में हैं । 'छद्दसग्गा' इत्यादि एक एक वर्ग १० - १० उद्देशात्मक होने से कुल उद्देश यहाँ ६० हैं । इन एक एक वर्ग के उद्देशकों के नाम इस प्रकार 1 એકાસ્થિક, નામના બીજો વગ છે. ૨ જેના ફળામાં ઘણા ખીજ હાય છે તે બહુબીજ વાળા વ્રુક્ષા કહેવાય છે. જેમ કે–(તિ...ક) કાઝુ વિગેરે આના 'સબધમાં દશ ઉદ્દેશાત્માના સમુદાય રૂપ જે વ છે, તે ખડૂખીજક ’ નામના ત્રીજો વગ છે. ગુચ્છારૂપ જે ગણુ વિગેરે વનસ્પતિ છે, તે ગુચ્છા३५ वनस्पति देवाय छे. ते समधी थोथो वर्ग छे, सिरिया, नवभाविला, २४, विगेरे सौंधी यांन्थभेो वर्ग छे, यूसइजी, अलिगडी, तुभ्ञडी, વગેરેના સબંધમાં છઠ્ઠો વર્ગ છે. આ રીતે આ શતકમાં દસ વગ છે. - 'छदसवग्गा' इत्याहि-४ मेड वर्जना १० १० इस इस उद्देशा है. એ રીતે છ વના કુલ ૬૦ સાઈઠ ઉદ્દેશા થાય છે. આ એક એક ઉદ્દેશા
SR No.009324
Book TitleBhagwati Sutra Part 14
Original Sutra AuthorN/A
AuthorGhasilal Maharaj
PublisherA B Shwetambar Sthanakwasi Jain Shastroddhar Samiti
Publication Year1970
Total Pages683
LanguageHindi, Sanskrit
ClassificationBook_Devnagari & agam_bhagwati
File Size42 MB
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