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________________ भगमतीन अष्टौ मज्जनधात्री:-स्नपयित्रीः दासी, अप्टौ मण्डनधात्री:-भूपणपरिधापयित्रीः दासीः, अष्टौं क्रीडाधात्री:-रमयित्री दासीः, अष्टौ अधात्री:-क्रौडोपरिधारणकी दासी, 'अट्ठ अंगमदियाओ, अष्ट उन्मदियाओ' अष्टौ अङ्गमर्दिकाः दासीः, अष्टौ उन्मर्दिकाः दासी, एतासां च अगमर्दिकानामुन्मर्दिकानां दासीनामल्पबहुमर्दनकृतो विशेषो द्रष्टव्यः, 'अट्ट हावियाओ, अट्ट पसाहियाओ' अष्टौ स्नापयित्री:-स्नानकारयित्रीः दासीः, अष्टौ प्रसाधिका:-प्रसाधनकी दासीः, मण्डनकारिणीरितिभावः, 'अट्ठ चन्नगपेसीओ, अट्ट चुन्नगपेसीओ' अष्टौ वर्णकपेषिका:-चन्दनपेपणकारिणीः दासीः, अष्टौ चूर्णकपेपिकाः-ताम्बूलादिचूर्णपेषणकारिणीः, गन्धद्रव्यचूर्णपेषणकारिणी दासीः, 'अट्ट कोडागारीओ, अट्ठ दवजो स्नान कराने वाली थीं, आठ मण्डनधात्रियां दी-जो भूषणों को पहिराने वाली थी, आठ क्रीडाधात्रियां दी-जो साथ में रहकर नाना प्रकार के खेलों को खिलाने वाली थीं, आठ अङ्कधात्रियां दी-जो उन्हें समय २ पर गोद में बैठाने वाली थीं । 'अट्ठअंगमदियाओ, अट्ठ उम्महियाओ' आठ अङ्गमर्दकधात्रियां-शरीर को धीरे२ से दयाने वाली दासियां दी, आठ उन्मर्दिकधात्रियां-शरीरको जोर २ से दबाने वाली धानियांदी, 'अह पहाविधाओ, अट्ट पसाहियाओ' माठ स्नान कराने वाली दोसियां दी और आठ भण्डन करनेवाली दासियां दी, 'अ वनगपेसीओ अट्ट चुन्नगपेसीओ' आठ चन्दन को पीसने वाली-घिसने वाली दासियां दी और आठ हीताम्बूल आदि को चूर्ण २ करने वाली दासियां दी अथवा सुगंधितद्रव्य-चूराचूर करके पीसने वाली दासियांदी 'अट्ठकोहामारीओ, સ્નાન કરાવતી હતી, આઠ મંડનધાત્રી દીધી જે આભૂષણો પહેરાવવાનું કાર્ય કરતી હતી. આઠ ડિાધાત્રી દીધી છે સાથે રહીને વિવિધ પ્રકારની રમત રમાડતી હતી, આઠ અંકધાત્રીએ દીધી જે તેમને ખોળામાં લઈને ३२ती ती. “ अट्ठ अंगमहियाओ, अट्ठ उम्महियाओ" मा मगम ધાત્રીએ દીધી જે અંગે પર તેલ આદિનું મર્દન (માલિશ કરતી હતી, AB Grम धात्रीसाधी भनु म म गया ४२वानु तु. “ अदु पहावियाओ, अट्ठ पसाहियाओ" 18 स्नान ४२वनारी हासीमाधी भने मा० मन ४२२वनारी श्रृंगार सवनारी सीमे। हीधी “ अटू वन्नगपेसीओ, अट्ट चुन्नगपेसीओ" यन्न घसनारी मा हासी हीधी मने सुसધિત દ્રવ્યનું ચૂર્ણ કરનારી–એ દ્રવ્યને ખાંડીને ભૂકે કરનારી અથવા લસે૮નારી આઠ દાસીઓ દીધી.
SR No.009319
Book TitleBhagwati Sutra Part 09
Original Sutra AuthorN/A
AuthorGhasilal Maharaj
PublisherA B Shwetambar Sthanakwasi Jain Shastroddhar Samiti
Publication Year1967
Total Pages770
LanguageHindi, Sanskrit
ClassificationBook_Devnagari & agam_bhagwati
File Size45 MB
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