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________________ २१४ मैगवतीस्त्र देशकार्थसंग्रहगाथात्रयमाह- 'उववाओ' इत्यादि, 'उववाओ' उपपात:-उत्पत्ति द्वारम् १ परिमाणम्-इयत्ताद्वारम् २ अपहारः-अपहरणद्वारम् ३, उचत्यम्-उच्चताद्वारम् ४, वन्धः-ज्ञानावरणादिकमो बन्धद्वारम् ५ वेदना-वेदनाद्वारम् ६, उदयः-उदयद्वारम् ७ उदीरणा-उदीरणाद्वारम् ८, लेश्या लेश्याद्वारम् ९, दृष्टि:सम्यग् मिथ्या-मिश्र-दृष्टिद्वारम् १० ज्ञानम्-ज्ञानद्वारम् ११, योग:-योगद्वारम् १२ उपयोगः- उपयोगद्वारम् १३ वर्णः- वर्णादिद्वारम् १४, रसादि -रसादिद्वारम् १५ उच्छ्वासका- उच्छ्वासकद्वारम् १६, आहार:- आहारकद्वारम् १७ विरतिःविरतिद्वारम् १८,-क्रिया-क्रियाद्वारम् १९. वन्धका-बन्धकद्वारम् २०, संज्ञासंज्ञाद्वारम्, २१, कपाय:- कपायद्वारम् २२, स्त्री-स्त्रीवेदादिद्वारम् २३, वन्धःपरिमाण है २' अपहरण द्वार का नाम अपहार है ३, उच्चता द्वार का नाम उच्चत्व है ४ ज्ञानावरणादि कर्मो के बन्ध द्वार का नाम यन्ध है ५, वेदना द्वार का नाम वेदना है ६, उदय द्वार का नाम उदय है ७, उदी. रणा द्वार का नाम उदीरणा है ८, लेश्या द्वार का नाम लेश्या है ९, सम्यक् मिथ्या और मिश्र दृष्टि द्वार का नाम दृष्टि है १०, ज्ञानद्वार का नाम ज्ञान है ११, योगदार का नाम योग है १२, उपयोगद्वार का नाम उपयोग है १३, वर्णादि द्वार का नाम वर्ण है १४, रसादि द्वार का नाम रस है १५, उच्चासक द्वार का नाम उच्चासक है १६, आहारक द्वार का नाम आहार है १७, विरति द्वार का नाम विरति है १८, क्रिया द्वार का नाम क्रिया है १९, बंधद्वार का नाम बंध है २०, संज्ञाहार का नाम संज्ञा है २१, कषाय द्वार का नाम कषाय है २२, खीवेदादि માણુ કહે છે. (૩) અપહરણું દ્વારને અપહાર કહે છે. (૪) ઉચ્ચતાદ્વારને ઉચ્ચત્વ કહે છે (૫) જ્ઞાનાવરણવ આદિ કર્મોના બધદ્વારને બવ કહે છે. (९) वहनावार नाम वेदना छे (७) यद्वा२नु नाम लक्ष्य छ (८) ! वामनु' नाम जीरा 2. (6) वैश्याद्वारनु' नाम वेश्या छ. (१०) सभ्य, મિથ્યા અને મિશ્રષ્ટિ દ્વારનું નામ દષ્ટિ છે. (૧૧) જ્ઞાનદ્વારનું નામ જ્ઞાન छ (१२) योगवार नाम ये छे. (१3) ७५यानु नाम 6पये. छे. (१४) वा द्वा२नु नाम व छ (14) २साह द्वा२नु नाम २स छे. (१६) ઉચ્છવાસક દ્વારનું નામ ઉચ્છવાસક છે. (૧૭) આહારક દ્વારનું નામ આહાર છે. (१८) पतिद्वा२नु नाम वि२ति छे. (14) &ियावानुं नाम हिया छे' (२०) मातु नाम -4 छे. (२१) सारनु नाम सज्ञा छ.' (२२) पायदानु नाम ४पाय छे. (२3) श्री वा द्वा२नु नाम श्री छे. (२४)
SR No.009319
Book TitleBhagwati Sutra Part 09
Original Sutra AuthorN/A
AuthorGhasilal Maharaj
PublisherA B Shwetambar Sthanakwasi Jain Shastroddhar Samiti
Publication Year1967
Total Pages770
LanguageHindi, Sanskrit
ClassificationBook_Devnagari & agam_bhagwati
File Size45 MB
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