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________________ प्रमेयश्चन्द्रिकाटी० श०९ ७०३३ सू०१४ जमालेमिथ्याभिमाननिरूपणम् ६०५ क्खमाइक्खित्तए तुसिणीए संचिहाइ । जमालोति लसणे भगवं महावीरे जमालिं अणगारं एवं क्याली-अस्थि णं जमाली । ममं बहवे अंतेवासी समणा निग्गंथा छउमत्था, जेणं पभू एवं वागरण वागारत्तए जहाणं अहं, णो चेव णं एयप्परगारं भासं भासित्तए, जहाणं तुमं । सासएलोए जमाली! जंण कयावि णासी णो कयावि भवइ, ण कयाविण भविस्तई, भुवि च भवइ य भवि. स्सइ य धुवे, णितिए, सासए, अक्खए, अबए, अहिए, णिच्चे, असालए लोए जमालि ! जओ ओलप्पिणी भवित्ता, उस्लप्पिणी भवइ, उस्लप्पिणी भवित्ता, ओसप्पिणी भवइ, लासए । जीवे जमालि । जंण कयाइ णालि जाव णिच्चे असासए जीवे जमाली । जंण नेरइए भवित्ता तिरिक्खजेणिए भवइ, तिरिक्खजोणिए भवित्ता मगुस्से भवइ, मणुस्से भवित्ता देवे भवइ । तए णं से जमाली अगगारे समणस्ल भगवओ महावीरस्स एवमाइक्नमाणस जाव एवं परूवेमाणस्त एयमद्रं णो सदहइ, णोपत्तिएइ णो रोएइ, एयमटुं असदहमाणे अपत्तिघमाणे अरोयमाणे दोच्चंपि समणस्ल भगवओ महावीरस्स अंतियाओ आयाए अवकमइ अवकमित्ता वहूहिं असम्भावुभावणाहिं मिच्छत्ताभिणिवेसेहि य अपाणं च परं च तदुभयं च बुग्गाहेमाणे वुप्पाएमाणे बहुयाइं वासाई सामनपरियागं पाउणइ, पाउणित्ता, अद्धमासियाए संलेहणाए अत्ताणं असेइ, असेत्ता
SR No.009318
Book TitleBhagwati Sutra Part 08
Original Sutra AuthorN/A
AuthorGhasilal Maharaj
PublisherA B Shwetambar Sthanakwasi Jain Shastroddhar Samiti
Publication Year1965
Total Pages692
LanguageHindi, Sanskrit
ClassificationBook_Devnagari & agam_bhagwati
File Size40 MB
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