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________________ प्रमेयचन्द्रिका टीका श.७ ३.९ ५.४ रयमुपसंग्रामनिरूपणम् एक मुचले प्रत्यायाताः, अवशेषाः प्रायः नरुतिर्ययोनिषु उपपन्नाः । कलाद खलु भदन्त ! शक्रो देवेन्द्रः देवरानः, उमरय अनुरेन्द्रः यमुरकुमारराजः कणिकचराज्ञः साहायं दत्तवन्तौ ? गौतम ! शक्रो देवेन्द्रो देवराजः पूर्वसाइतिका, चमरः अमरेन्द्रोऽनुग्कमान्यजः पर्यायसांगतिका एवं खलु गौतम ! को देवेन्द्रः राजः, चमरश्च अनुरेन्द्रः अमुजुमारराजः कणिकम्प गाः मावास्यं उत्तवन्ती ॥१० ४|| (एगे सुकृले पचायाए) जितने अच्छे इलमें उत्पन्न हुए (अवनेला ओसन्तं नरतिग्विजाणिण्सु उपचना) बाकी के मनुष्य प्रायः करके नरक नियंच योनियोंमें स्पन्न हुए हैं। (कम्हा णं भंते ! लन्ने दविंद देवराया चम्रे - असुरिंदे अन्सुरकुमारराया ऋणिय रन्नो साहेज दलहत्या है भइन्न : देवेन्द्र देवगज शनने, असुरेल असुरञ्जमावाज बलरने, कृणिक गजाजी सहायता युद्धमें क्यों की? (गोयमा) हे गौतम ! (सक्के देविंद्र देवगया पुब्बलंगडए. कमरे असुरिंदे असुरऋमारराश पग्यिायसंगइए एय खलु गोमा! सवने देविंद देवराया, चमरेय असुरिद अनुगबुमारराया ऋगिन्य रन्नो साहेनं बलत्या) देवेन्द्र देवराज शन इणिक राजाले पूर्वभवके मिन्न थे। नथा असुरेन्द्र असुरजमारगज चमर पर्यायसंगतिक नापसी अवस्थाले मित्र थे । इस कारण है गौतम ! देवेन्द्र देवाज शन्नने और असुरेन्द्र असुरजमारराज बनरने ऋणिक राजाको महायता दी। ५४. या . (एने साले पञ्चायाए) मा मा पन्त ! 6d, (अवसेसा योसन्न नग-तिरिक्वजोणिएमु उपचन्ना ) भने ' सामान्य दरात न२४ मते ति ५ योनिमामी पन्न यथ! 2. (कन्हा णं भंते ! सक्के देविदे देवराया मरे य अरिंदे अनुरजमारराया कणियरम्नो साहेनं दल त्या ?) Bहात! ३न्द्र हेवशय तथा अनुरेन्द्र कुमार श्ययनले शा घरहे युद्धमा लिने भाई ? (गोयमा) गीत! (मझे देविदे देवराया पुन्नस गए. उमरे अनुरिद अनुरकुमाररारा परियायसं गडए-एवं खलु गोयमा ! सरके देविदे देवराया, चमरेय अहरिद अनुरजुमारराया कृणियस्त रन्नो साहेछ दलहत्या) हरेन्द्र १३२ २४ दि २ यूवता भित्र ना. तश અરે અસરકારરાય ચનર પર્યાય સંરતિકતાપી અવસ્થાના મિત્ર હતા. હું ગૌતમ' તે કારણે દેવેન્દ્ર દેવરાય શકે અને અનેક અસુરકુમરાય ચ રૂદિક રાજાને તે સંગ્રામમાં સહી કરી હતી.
SR No.009315
Book TitleBhagwati Sutra Part 05
Original Sutra AuthorN/A
AuthorGhasilal Maharaj
PublisherA B Shwetambar Sthanakwasi Jain Shastroddhar Samiti
Publication Year1963
Total Pages880
LanguageHindi, Sanskrit
ClassificationBook_Devnagari & agam_bhagwati
File Size50 MB
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