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________________ a ne BANANJ... Amwarenesamayanramagratm - Hamro __ भगवतीसरे cान भागलिकाया अमंल्यभागः इति उत्तरम् । एवं यावत्-अमे. दमननय स्थितिविषयक प्रश्नोत्तरम् , नत एकप्रदेशावगावस्य Farmय कारतः स्थितिविषये प्रश्नस्य 'एकसमयम् , असंख्यातकाल मन पागुनकाल स्मृदगम्य कालगः स्थितिविचारः, एवं यावन्-अनन्त दाय, वर्ग-गल-म-पर्ग-ग्रामपरिणाम-चादग्परिणाम-शब्दपरि नशान स्थितिविचारः, अगन्दपरिणतपुद्गलस्य स्थितिविचार. R: पालापागम्य, हिप्रदेशिकस्कन्धस्य यावत्-अनन्तमदेशिकस्कन्धस्य PRE गुल की मान्य की अपेक्षा कितनी स्थिति होती है ? ऐसा मन, ग म प समय और उत्कृष्ट से आवलिका के असंख्यात भाग प्रमाग थिति बोनी है पमा समाधान, इसी तरह से यावत् असंख्यात zarre हल की पति के विषय में प्रश्न और उत्तर एक प्रदेशोमा निप पान की काल की अपेक्षा कितनी स्थिति है ? ऐसा प्रश्न एक समय और अमन्यात समय की स्थिति है ऐसा उत्सर, mग का पानी स्थिति का विचार, यावत् अनन्तगुणकाले-पुद्रल या-गन-रस-पर्श माले पहल की, सूक्ष्मपरिणाम वाले पुद्गलकी, पर परिणाम वाले पुल की. और शब्द, रूप से परिणत हुए मुगल हार की अपेक्षा धिनिया विचार, अशहरूप से परिणत हुप पुल भी नि मा विजार, इस बाद परमाणु पुगल के हिप्रदेशिक स्कन्ध -- કે પ્રદેશના ૫ પુદગતને કાળની અપેક્ષાએ કેટલી E n :- अपयनी भने L धामा पारे ::.:. in नियनिय. 11 ५५ जना प्रशापार नीति - 11: नि५ ytual पानी अावी 22- 1 ५५R SE AVAIL सभ ... . . . . नि १२, जना 5. ) f. ... .. . .YEANI, HEN पwिalN YE ... ... .. . , . ५ ५ Crsit t .... ... . . नियन, Mant,
SR No.009314
Book TitleBhagwati Sutra Part 04
Original Sutra AuthorN/A
AuthorGhasilal Maharaj
PublisherA B Shwetambar Sthanakwasi Jain Shastroddhar Samiti
Publication Year
Total Pages1151
LanguageHindi, Sanskrit
ClassificationBook_Devnagari & agam_bhagwati
File Size74 MB
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