SearchBrowseAboutContactDonate
Page Preview
Page 198
Loading...
Download File
Download File
Page Text
________________ aterद्रका टीका श० ५ उ०३ सू० २ नैरयिकायायुष्य निरूपणम् ટ अन्ते गौतम उपसंहरन् भगवद् वाक्यं प्रमाणयति' सेवं भंते । सेवं भंते ? त्ति ' तदेवं भदन्त ! तदेवं भदन्त । इति, हे भदन्त । भवता यत्प्रतिपादितं तत् सर्व सत्यमेवेति ॥ सू० २ ॥ 6 इति श्री विश्वविख्यात - जगद्वल्लभ प्रसिद्धदाचक पञ्चदशभापाक लि. तललितकलापालापक- प्रविशुद्ध गद्यपद्यनैकग्रन्थ निर्मापक - वादिमानमर्दकश्रीशाहू छत्रपतिकोल्हापुरराजप्रदत्त जैनशास्त्राचार्य ' पदभूषितकोल्हापुर राजगुरु - बालब्रह्मचारि- जैनचार्य - जैनधर्म दिवाकर पूज्यश्री घासीलालवतिचिरचिता श्री भगवती सूत्रस्य प्रमेयचन्द्रिकाख्यायां व्याख्यायां पञ्चशतकस्य त्रतीयोदेशकः समाप्तः होगा - वह वहीं पर जन्म धारणा करेगा । अन्तमें गौतमस्वामी उपसंहार करते हुए प्रभुके वाक्यों की, स्वतः प्रमाणभूत होने के कारण अनुमोदना करते हैं "सेच अंते ! सेवं भेते । ति ' और इस प्रकार से कहते हैं कि हे भदन्त । आप देवानुप्रिय ने जैसा कहा है वह सब सत्य है - हे भदन्त ! वह सब सत्य ही है । इस प्रकार से प्रभु के वचनों की अनुमोदना करके वे यावत् अपने स्थान पर आसीन हो गये । तूर । जैनाचार्य श्री घासीलालजी महाराजा कृत "भगवती सूत्र " की प्रिय दर्शिनी व्याख्या के पांचवे शतक के तीसरा उद्देशा समाप्त ॥५-३|| જે દવગતિમાં જવાને ચેાગ્ય આયુકા બંધ જીવે કર્યો હશે, તે પ્રકારની દેવગતિમાં તે જીવ ઉત્પન્ન થશે ઉદ્દેશકને અંતે ગૌતમ સ્વામી મહાવીર પ્રભુના વચનને પ્રમાણભૂત भानीने तेभनां वयनामां अत्यंत श्रद्धा अट उरता उछे -" सेव' भरते ! सेवं भंते ! न्ति È लहन्त । आाय हेवानुप्रियनी वात सर्वथा सत्य छे. भा વિષયમાં આપે જે પ્રાતિપાદન કર્યું તે યથાર્થ છે. આ પ્રમાણે કહીને, મહાવીર પ્રભુને વદા નમસ્કાર કરીને તે તેમને સ્થાને બેસી ગયા. ૫ સૂ. ૨ ॥ જૈનાચાર્ય શ્રી શ્વાસીલાલજી મહારાજ કૃત ‘ભગવતીસૂત્ર' ની પ્રિયદર્શિની વ્યાખ્યાનો પાંચમાં શતકના ત્રીજા ઉદ્દેશક સમક્ષ ॥ ૧-૩
SR No.009314
Book TitleBhagwati Sutra Part 04
Original Sutra AuthorN/A
AuthorGhasilal Maharaj
PublisherA B Shwetambar Sthanakwasi Jain Shastroddhar Samiti
Publication Year
Total Pages1151
LanguageHindi, Sanskrit
ClassificationBook_Devnagari & agam_bhagwati
File Size74 MB
Copyright © Jain Education International. All rights reserved. | Privacy Policy